नई दिल्ली: 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर श्रमिक नेता रामजी पांडे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद करते हुए उन्हें श्रधांजलि अर्पित की।उसके बाद उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी श्रद्धापूर्वक नमन हुए श्रधांजलि अर्पित की।
श्रमिक नेता ने बताया कि देश को स्वच्छ बनाना महात्मा गांधी का सपना रहा है।और उनके इस सपने को पूरा करना हम सब की जिम्मेदारी है
लेकिन सरकारों का इस पर हमेशा से ही ढुलमुल रवैया
सामने आता रहा है श्रमिक नेता ने कहा कि
इसमें कोई दो राय नहीं कि केवल सरकार के प्रयासों से ही न तो नदियां साफ हो सकती हैं और न ही स्वच्छ भारत का सपना पूरा हो सकता है! इसके लिए हम सबको भी आगे बढ़कर अपनी जिम्मेदारियां निभानी पड़ेंगी लेकिन नदियों की साफ सफाई पर सरकार हर साल करोड़ों के पैकेज की घोषणा भी करती है।जिसका पैसा कहाँ चला जाता है पता ही नही चलता क्योंकि इसके बावजूद भी आज भी नदियों का सदियों पुराना वही हाल साफ देखा जा सकता है।नदियों की साफ सफाई के लिए अगर सरकारों को कुछ नहीं करना है तो इस मुद्दे पर राजनीति भी बंद होनी चाहिए और करोड़ों के पैकेज गंगा और अन्य नदियों की साफ सफाई पर खर्च करने का राग भी नहीं अलापना चाहिए जिन नदियों को हम माता समझते हैं उनमें प्रदूषण हमारे लिए किसी अभिशाप से कम नहीं हो सकता जिस दिन देश का हर नागरिक यह समझ जाएगा कि उसका अस्तित्व नदियों की वजह से है उस दिन से कोई भी नदियों में गंदगी नहीं डालेगा और उसी दिन से नदियों की साफ सफाई के सरकारी और गैरसरकारी प्रयास कामयाब होंगे!
दुनिया के कई देशों में ऐसे उदाहरण मौजूद हैं जब सरकार और समाज ने मिल कर नदियों को पुनर्जीवन दिया जबकि वहां नदियों का कोई धार्मिक महत्त्व भी नहीं है
नदियों की साफ सफाई के लिए अगर अब और देर होती है तो वह दिन दूर नहीं जब नदियों के देश में बहुत-सी नदियां सरस्वती नदी की तरह इतिहास बन जाएंगी।
उनके साथ उपाध्यक्ष सुरेश साहू,सचिव शंकर झा व बिजनेसमैन मनोज कुमार आदि सामिल रहे।