हम जिंदा रहे या न रहें लेकिन किसान आंदोलन जिंदा रहना चाहिए TNI

एटा:अखिल भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले एटा कचहरी स्थित धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी रहा उक्त धरना स्थल पर क्रमिक अनशन के तीसरे दिन प्रातः 10:00 बजे से 24 घंटे के लिए युवा राष्ट्रीय महासचिव जुगेन्द्र सिंह, संरक्षक बाबूराम वर्मा, तहसील उपाध्यक्ष रहे।

उक्त बैठक में सर्वप्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल संघर्षी का कई दिन से स्वास्थ्य खराब होने की बजह से कल जिला अस्पताल में जांच कराई गई उसमें प्लेटलेट्स 72 हजार रह गई हैं जिस पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल संघर्षी ने कहा कि हम अपने निजी संशाधनों से इलाज करा रहे हैं लेकिन सही बात यह है कि वर्तमान समय में अभी गम्भीर बीमारी का दौर चल रहा है किसी के जीवन का कोई पता नहीं कब कौन चला जाए हम जब तक जिंदा हैं पूरी ताकत के साथ लडाई लड़ेंगे 04 अक्टूबर को कासगंज मैं प्रस्तावित किसानों पंचायत में शामिल हूँगा और चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत की जयंती पर 06 अक्टूबर से आमरण अनशन करूंगा और अलीगढ़, आगरा, कानपुर, मेरठ बरेली मण्डल के सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं सहित सभी किसान नोजवानों से अनुरोध है कि अगर आंदोलन के दौरान मृत्यु हो जाती है तो यह लड़ाई जिले के जिम्मेदार अधिकारियों के जेल जाने तक सड़कों पर आंदोलन जारी रहेना चाहिए भले ही तीन दिन तक हमारी लाश को धरना स्थल पर ही रखकर रहना पड़े लेकिन जो योगी जी खुली छूट की बजह से किसान, नोजवान और मजदूर भाइयों की लूट करने वाले लोगों को जेल भिजवाने तक आंदोलन जारी रहना चाहिए और महत्वपूर्ण बात यह है कि कुछ लोग संगठन में भी गलती से जुड़ गए हैं जो केवल तोड़ फोड़ के अतिरिक्त कुछ नहीं जानते हैं और पुराने सच्चे, अच्छे कार्यकर्ताओं की कद्र अपने आप को बड़ा पदाधिकारी होने की बजह से नहीं जानते हैं उनसे संगठन को बचाकर अच्छे लोगों को आगे लाकर संगठन हमेशा जिंदा रहना चाहिए। बताते चलें कि किसान आंदोलन का श्रमिक विकास संगठन के नेता रामजी पांडे ने समर्थन किया है
 

इस अवसर पर प्रमुख रूप से :- राष्ट्रीय महासचिव सुरेंद्र शास्त्री, राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल सोलंकी, प्रदेश अध्यक्ष रामकिशन यादव, प्रदेश महासचिव रघुवीर सिंह, दिनेशपाल सिंह, अशोक कुमार, मोनू प्रधान, दयाशंकर, युवराज राजपूत, राजाराम उर्फ राजा भाई, रमेश हलवाई, रामअवतार प्रभु, शकुंतला देवी, अनुपमा पांडे सहित आदि लोग उपस्थित रहे।