नोएडा में अवैध रूप से हुए अतिक्रमण के खिलाफ प्राधिकरण की कार्रवाई लगातार जारी है अजनारा डेफोटिल एवं गुलशन होम्स के स्थानीय निवासियों एवं आरडब्लूए द्वारा की गयी अतिक्रमण संबंधी शिकायतों पर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर प्राधिकरण की टीम ने को सेक्टर-137 स्थित अजनारा डेफोडिल और गुलशन होम्स सोसाइटी में अवैध निर्माण गिरा दिया। इस दौरान आठ कियोस्क व दुकानों के आगे बने हिस्से को तोड़ा गया। इन जगह बिल्डर ने मंजूर नक्शे से अलग हटकर कियोस्क, पार्किंग व अन्य निर्माण कर रखा था. दुकानदारों ने कार्रवाई का विरोध भी किया था। लेकिन भारी पुलिस बल होने के कारण उनका विरोध ज्यादा देर तक टिक नहीं पाया.
तस्वीरों में दिख रहे पीला पंजा के एक वार से अवैध रूप से बनी दुकान व क्योस्क को ध्वस्त होते गये ये कार्रवाही सोसाइटी की अपार्टमेंट एसोसिएशन ने यहां अवैध रूप से बनी दुकान व कियोस्क को हटाने की शिकायत नोएडा प्राधिकरण से की थी। अब नोएडा प्राधिकरण ने यहां कार्रवाई की। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि अजनारा सोसाइटी के लिए 23 अप्रैल 2018 को जारी किए गए मानचित्रों में टावर संख्या एल एवं वाणिज्यिक ब्लॉक के सामने सेट बैक में चारदीवारी के साथ हरित क्षेत्र दर्शाया गया है। लेकिन मौके पर चारदीवारी को हटाकर कियोस्क लगाकर इसको व्यावसायिक उपयोग में लाया जा रहा था। इन कियोस्क को ध्वस्त कर दिया गया। इसके अलावा अग्निशमन पथ को गेट लगाकर अवरुद्ध किया गया था, जिसको दोबारा से चालू कर दिया गया। इसके अलावा टावर एल के बेसमेंट में पार्किंग के स्थान पर वाणिज्यिक उपयोग के लिए गोदाम-स्टोर का निर्माण किया गया था। इसको भी प्राधिकरण की टीम ने ध्वस्त कर दिया।
नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक मुकेश वैश्य ने बताया कि ने बताया कि सेक्टर-137 में ही स्थित गुलशन होम्स सोसाइटी के लिए नौ फरवरी 2015 को जारी अधिभोग मानचित्रों में ही अजनारा की तरह चारदीवारी के साथ हरित क्षेत्र दर्शाया गया था लेकिन यहां पर भी कियोस्क लगाकर इसका व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा था। यहां पर प्राधिकरण ने इनको ध्वस्त कर दिया। इसके अलावा टावर संख्या एफ व जी के बीच में हरित क्षेत्रफल दर्शाया गया है लेकिन इसको पार्किंग के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। ऐसे में यहां लगी कंक्रीट टाइल्स को हटवा हरित क्षेत्र के रूप में उपयोग करने के निर्देश बिल्डर को दिए गए। अधिकारियों ने बताया कि कार्रवाई करने से पहले बिल्डर को नोटिस भेजने के अलावा मौके पर जाकर मार्किंग भी कर दी थी। इसके बावजूद अवैध निर्माण को बिल्डर ने नहीं हटाया था।