Hartalika Teej Katha: हरतालिका तीज व्रत में भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश भगवान की पूजा की जाती है। विवाहित स्त्रियां इस व्रत को पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना से रखती हैं तो वहीं अविवाहित लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए। हरतालिका तीज व्रत पूजन में कथा सुनना बेहद जरूरी माना जाता है। मान्यता है हरतालिका व्रत कथा स्वयं भगवान शिव ने ही मां पार्वती को सुनाई थी। जानिए क्या है ये कथा।
शिव जी कहते हैं- ‘हे गौरा, पिछले जन्म में तुमने मुझे पाने के लिए कठोर तप और घोर तपस्या की थी। तुमने इस तपस्या के दौरान ना तो कुछ खाया और ना ही पीया बस हवा और सूखे पत्ते चबाकर रहीं। भयंकर गर्मी और कंपा देने वाली ठंड भी तुम्हें तुम्हारी तपस्या से हटा न सकी। बारिश में भी तुमने जल नहीं पिया। तुम्हारी इस हालत को देख तुम्हारे पिता दु:खी थे। उनको दु:खी देख नारदमुनि आए और कहा कि मैं भगवान विष्णु के भेजने पर यहां आया हूं। वह आपकी कन्या की से विवाह करना चाहते हैं।
तुम्हारी सखी ने कहा-प्राण छोड़ने का यहां कारण ही क्या है? मैं तुम्हें घनघोर वन में ले चलती हूं जो साधना स्थल भी है और जहां तुम्हारे पिता तुम्हें खोज भी नहीं पाएंगे। तुमने अपनी सखी की बात मानकर ऐसा ही किया। तुम्हारे पिता तुम्हें घर में न पाकर बड़े चिंतित और दुःखी हुए। इधर तुम्हारी खोज होती रही उधर तुम अपनी सहेली के साथ गुफा में मेरी आराधना में लीन रहने लगीं। तुमने एक दिन रेत के शिवलिंग का निर्माण किया। तुम्हारी कठोर तपस्या के प्रभाव से मेरा आसन हिल उठा और मैं शीघ्र ही तुम्हारे पास पहुंचा और तुमसे वर मांगने को कहा।