हरियाणा:किसान आंदोलन में किसानों ने न केवल BJP सरकार से न्याय माँगा बल्कि, कुहरे से सराबोर कड़कड़ाती ठण्ड को झेलते हुये किसानों ने 7 महीने से ज्यादा समय गुजारते हुये आज धधकती धूप में भी बार्डर पर बैठकर आज़ादी की आवाज़ उठा रहे हैं। आम आदमी पार्टी हरियाणा नेता व मध्यहरियाणा संयोजक (पूर्वांचल) अनिल पाण्डेय ने देश व हरियाणा प्रदेश की सरकार को निर्दयी, अज्ञानी,अनभिज्ञ,हिटलरपंथी व किसान,मजदूर, जवान विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि BJP सरकार आम आदमी के लिये एक जहर से कम नहीं। इनकी हिटलर पंथी नीति ने किसानों को मौत के मुँह में धकेलने का काम किया है। 2014 से आज तक किसानों ने आत्महत्या सिर्फ इसलिये किया क्यों कि उन्हें महँगी खाद व बीज उपलब्ध कराया गया और उनके फसल पर सरकार ने बड़े पूंजीपतियों को अधिकार दे दिया। किसान सिर्फ मेहनत करके परेशान रहे और फल अडानी व अम्बानी जैसे पूंजीपतियों को मिले ये BJP यानी मोदी-खट्टर सरकार की किसान मजदूर विरोधी नीति है। 3 काले कानून किसानों पर डालने वाली हिटलरपंथी सरकार को दया नाम से घृणा आती है। महँगाई व भ्रष्टाचार से परेशान किसान लगभग 8 महीने से बार्डर पर बैठकर न्याय की गुहार लगा रहे हैं लेकिन इन देश प्रेमी अन्नदाताओं पर देश व प्रदेश की सरकार कहर बरसा रही है। किसानों को तमाम धाराओं में जेल जाना पड़ा, आँसू गैस के गोले, पानी का दबाव व लाठी डंडों का शिकार होना पड़ा। अनिल पाण्डेय ने बताया कि मैं भी कृषक पुत्र हूँ और मैंने भी खेतों में बहुत काम किया है किसानों से ज्यादा मजबूर आज कोई नहीं है। मोदी सरकार को किसानों की मांग को पूरी करनी चाहिये और इतने लंबे अरसे से बार्डर बैठे किसानों से सहस्र बार माफी मांगकर न्याय करना चाहिये। हरियाणा व पंजाब के किसान उद्यमी हैं इनपर सरकार को तरस आनी चाहिये। मोदी व खट्टर को हिटलरपंथी विचारधारा त्याग कर हिन्दुस्तानी दया और करुणा की विचारधारा अपनाना चाहिये। यदि किसानों पर रहम करना इनके जहन में नहीं है तो स्तीफा देकर हिन्दुस्तान पर उपकार करें।