भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के तत्वावधान में मुख्य चिकित्सा अधिकारी बदायूँ, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी बदायूँ डॉ के के जौहरी एवं औषधि निरीक्षक बदायूँ के भ्रष्ट कृत्यों की जाँच कर जनपद से हटाए जाने की मांग को लेकर मध्यान्ह 10:30 बजे से लेकर 11:30 बजे तक केन्द्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल एवं जिला समन्वयक एम एच कादरी के निर्देशन में बदायूँ तहसील क्षेत्र में कुटुंब सत्याग्रह का आयोजन किया गया। बदायूँ तहसील इकाई द्वारा चिकित्सा, ग्रामीण क्षेत्रों में किये गए सेनिताइजेशन एवं गेहूँ खरीद में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक सप्ताह तक निरंतर अभियान चलाये जाने का भी निर्णय लिया गया।
भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के बदायूँ तहसील के समस्त कार्यकर्ता व पदाधिकारीगण द्वारा निर्धारित समय पर अपने घरों में राष्ट्र राग ""रघुपति राघव राजाराम ........"' का कीर्तन किया गया तथा अंत में मुख्य सचिव के माध्यम से ईमेल द्वारा मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को मांगपत्र प्रेषित किये गए।
गूगल मीट ऐप के माध्यम से आयोजित सभा में भी सभी सत्याग्रही सम्मिलित हुए।
इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के मुख्य प्रवर्तक व व्यवस्था सुधार मिशन के जनक हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने कहा कि जनपद बदायूँ में चिकित्सा विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है, लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नागरिकों को नहीं मिल पा रहा है। उप स्वास्थ्य केंद्र लुप्तप्राय हैं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बदहाल हैं। क्योंकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी बदायूँ भ्रष्टाचार के अनेक आरोपों से घिरे हुए हैं। उनके विरुद्ध अनेक जाँच चल रही हैं। भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष द्वारा भी उनके विरुद्ध शासन को लिखा गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी बदायूँ के भ्रष्ट कृत्यों में प्रमुख सहयोगी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ के के जौहरी हैं। डॉ जौहरी लंबे समय से बदायूँ में ही कार्यरत हैं, स्थानांतरण होने के बाद भी उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया गया। निजी चिकित्सालयों, अल्ट्रासाउंड सेंटर व झोलाछाप चिकित्सकों से मासिक/छमाही/वार्षिक अवैध वसूली में लिप्त रहते हैं, उन्हीं के विरुद्ध कार्यवाही करते हैं, जिनसे निर्धारित धनराशि प्राप्त नहीं होती है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी बदायूँ एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी बदायूँ डॉ के के जौहरी ने भ्रष्ट कृत्यों के परिणामस्वरूप जनपद के चिकित्सा तंत्र को पंगु बना दिया है ताकि नागरिक निजी चिकित्सालयों व झोलाछाप चिकित्सकों की सेवा लेने को विवश हो। आपदा काल में भी ये आचरण बदलने को तैयार नहीं है।
अभियान के संरक्षक डाल भगवान सिंह ने कहा कि चिकित्सा तंत्र का मुख्य अंग औषधि निरीक्षण विभाग भी निष्क्रिय है। औषधि निरीक्षक से नागरिक परिचित ही नहीं है। औषधि निरीक्षक भी औषधि विक्रेताओं से मासिक/छमाही/वार्षिक वसूली में लिप्त रहते हैं। जनपद में अनेक मेडिकल स्टोर बिना पंजीकरण के , मापदंडो को पूर्ण किये बिना इनकी ही कृपा से संचालित है। इनके द्वारा उन्हीं औषधि विक्रेताओं के यहाँ छापा मारे जाते हैं, जिनसे निर्धारित राशि प्राप्त नहीं होती है। इस कारण नागरिक महंगी, खराब गुणवत्ता की औषधियों को खरीदने को विवश हैं। इस संबंध में 18 मई 2021 को मंडल आयुक्त बरेली के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांगपत्र प्रेषित किये गए, कार्यवाही न होने पर भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान द्वारा उक्त तीनों अधिकारियों को सद्बुद्धि प्रदान करने एवं इनके भ्रष्ट कृत्यों की जाँच की मांग के साथ आज कुटुंब सत्याग्रह बदायूँ तहसील में किया गया है ।
कुटुंब सत्याग्रह में प्रमुख रूप से अभियान के मार्गदर्शक धनपाल सिंह, संरक्षक डॉ राम रतन सिंह पटेल, सुरेश पाल सिंह, एम एल गुप्ता, केंद्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल,जिला समन्वयक एम एच कादरी, सह जिला समन्वयक अभय माहेश्वरी, अखिलेश सिंह, तहसील समन्वयक रामलखन, सह तहसील समन्वयक महेश चंद्र, मो इब्राहीम, सुमित कुमार, अजय पाल, धीरेन्द्र सिंह, समिरुद्दिन एडवोकेट, मनोज जौहरी, वीरेंद्र कुमार, आश्विन गौतम, आशु मौर्य, कृष्णा गोपाल आदि की सहभागिता रही।