दीपक तिवारी:पटना.लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) की लड़ाई अब परिवार से निकलकर पार्टी में पहुंच गई है। सोमवार को पूरे दिन हुए हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद LJP संसदीय दल के नए नेता बने पशुपति कुमार पारस ने मंगलवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई। इसमें चिराग पासवान को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से हटाने का फैसला लिया गया। इसके तुरंत बाद चिराग पासवान ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर पांचों बागी सांसदों को LJP से हटाने की अनुशंसा कर दी।
सूरज बने LJP के नए 'चिराग'
पारस गुट ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को LJP का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। पारस गुट की बैठक में यह फैसला हुआ है। अब 5 दिन के अंदर राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। फिलहाल, सूरजभान सिंह की अध्यक्षता में बैठक होगी। एक-दो दिन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो सकती है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान की वर्चुअल बैठक
जानकारी के मुताबिक, वर्चुअल कार्यकारिणी की बैठक में चिराग पासवान राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर मौजूद थे। पार्टी के सभी पदाधिकारी मौजूद थे। साथ ही कई राज्यों के अध्यक्ष भी इस बैठक में मौजूद थे। LJP चिराग गुट ने यह तय किया है कि जिन 5 सांसदों ने बगावत की है, उन्हें हटाया जाता है। बाकी सभी लोग संगठन में काम करते रहेंगे और संगठन को मजबूत करेंगे।
इस दौरान चिराग पासवान ने कहा उनका बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट कार्यक्रम चलता रहेगा। बिहार सरकार के खिलाफ वह अपने आंदोलन को चलाते रहेंगे।
चाचा पशुपति पारस की बैठक
इससे पहले चिराग के चाचा पशुपति पारस ने अपने पांचों सांसदों के साथ राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक करके चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुक्त कर दिया। पशुपति पारस का दावा है LJP उनकी पार्टी है और वह इस पार्टी के संगठनकर्ता है। सारे सांसदों ने उन्हें संसदीय दल का नेता चुना है। इस एवज में उन्होंने चिराग पासवान को अध्यक्ष पद से हटाया है। हालांकि चुनाव आयोग तय करेगा कि असली LJP कौन है।