बदायंू: अखिल विश्व गायत्री परिवार के मार्गदर्शन में सिविल लाइन के मालगोदाम रोड स्थित इन्द्रेश शर्मा के आवास पर गायत्री महायज्ञ हुआ। लोककल्याणार्थ यज्ञ भगवान को विशेष आहुतियां समर्पित की गईं।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि यज्ञ की सूक्ष्म सामथ्र्य से देवत्व प्रबल, असुरता क्षीण, विचारों की उत्कृष्टता बलवती और निष्कृष्टता का शमन होता है। उन्होंने कहा बुरा युग ‘कलियुग‘ भी आसमान से नहीं टपकता, मनुष्य का चिंतन, आचरण और व्यवहार ही उसे बनाता है। विभूतिवान संकीर्ण, स्वार्थपरता, कुमार्ग अपनाने लगते हैं। कुप्रचलनों के प्रवाह से सामान्य लोग भी उसी चुम्बकत्व की ओर घसीटते चले जाते हैं और वैसी ही रीति-नीति अपनाने को बाध्य हो जाते हैं।
युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य आचार्य ने विश्व के प्रज्ञापुत्रों को 3200 पुस्तकें, 19वें पुराण प्रज्ञा पुराण, 75 से अधिक वाड.मय, अन्य पुस्तकों का दुर्लभ सद्साहित्य, सद्चिंतन, सदाचार के लिए दिया। विचार क्रांति अभियान चलाया। मानव में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग का अवतरण के लिए ज्ञान यज्ञ की लाल मशाल प्रज्ज्वलित की। मनुष्य के श्रेष्ठ चिंतन और श्रेष्ठ संस्कारों से ही सतयुगी वापसी होगी। हम बदलेंगे, युग बदलेगा सार्थक जयघोष भी दिया। यज्ञ, ज्ञान यज्ञ, दीपयज्ञों और संस्कारों की परंपराए चलाईं। यज्ञ ये भावनाएं पवित्र होती हैं। सूक्ष्म जगत का परिशोधन होता है। यज्ञ भौतिक जगत की प्रत्यक्ष और आत्मिक क्षेत्र की अदृश्य समस्याओं का सामाधान भी है।
इन्द्रेश शर्मा, पुष्पा देवी शर्मा मुख्य यजमान रहीं। मातृशक्ति मीरू शर्मा, सुमन शर्मा, अन्नू आदि ने यज्ञ भगवान के विराट स्वरूप की आरती की। रत्नेश शर्मा ने जल का अभिंसिचन किया।
इस मौके पर प्रमोद शर्मा, मीरू शर्मा, प्रीति, सुमन, अन्नू, पुष्पा देवी शर्मा, ऋद्धि, रूद्र, वर्चस्व, आव्या, स्पर्श, सिद्धांत, सक्षम आदि मौजूद रहे।