बाराबंकी 30 जून मुख्तार अंसारी से जुड़े एम्बुलेंस प्रकरण में वांछित इनामी बदमाश सलीम को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने लखनऊ के जानकीपुरम से गिरफ्तार कर बाराबंकी पुलिस के हवाले कर दिया। आरोपी पर बाराबंकी और गाजीपुर पुलिस ने क्रमश: 20 और 25 हजार रूपये का इनाम घोषित कर रखा था। पुलिस लंबे समय से उसकी तलाश में थी। शहर कोतवाल पंकज सिंह ने बुधवार को बताया कि एसटीएफ की वाराणसी इकाई ने एम्बुलेंस मामले में मुख्तार अंसारी गिरोह के बदमाश और एम्बुलेंस चालक गाजीपुर निवासी सलीम को लखनऊ के जानकीपुरम क्षेत्र से एक स्कूल के पास से गिरफ्तार किया है। उसे बाराबंकी शहर कोतवाली के हवाले कर दिया गया है, जहां एम्बुलेंस प्रकरण में उससे पूछताछ की जाएगी। उसे बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा। सिंह के मुताबिक पूछताछ में आरोपी सलीम ने बताया कि वह पिछले 20 वर्षों से मुख्तार अंसारी के गिरोह से जुड़ा हुआ है। उसके खिलाफ गाजीपुर जिले में कई मामले दर्ज हैं। उसके साथ सुरेंद्र, रमेश और फिरोज भी मुख्तार के ड्राइवर थे। ये लोग मुख्तार अंसारी के पंजाब के रोपड़ जेल में बंद होने के दौरान व इससे पहले वह जहां-जहां जाता था, उसके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एम्बुलेंस को चलाते थे। उन्होंने बताया कि एम्बुलेंस मामले में आरोपी सलीम व उसके साथी बाराबंकी में दर्ज मामले में वांछित थे। उनके खिलाफ इनाम घोषित किया गया था।
गौरतलब है कि जबरन वसूली के एक मामले में बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को गत 31 मार्च को पंजाब के मोहाली स्थित अदालत में पेश किया गया था। अंसारी को जिस एम्बुलेंस से लाया गया था, उस पर बाराबंकी की नंबर प्लेट लगी थी। जब पुलिस ने जांच की तो पाया कि मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल की संचालिका अलका राय और उनके कुछ सहयोगियों ने साल 2013 में इस एम्बुलेंस का फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पंजीकरण कराया।
इस बाबत बाराबंकी की नगर कोतवाली में मामला दर्ज किया गया, जिसमें मुख्तार अंसारी को साजिश और जालसाजी का आरोपी बनाया गया था। बाराबंकी पुलिस का कहना है कि डॉक्टर अलका राय, उनके सहयोगी डॉक्टर शेषनाथ राय, मुख्तार अंसारी, मुजाहिद, राजनाथ यादव और अन्य ने आपराधिक षड्यंत्र के तहत एम्बुलेंस के पंजीकरण के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे। इस मामले में पुलिस ने अलका राय, शेषनाथ राय और राजनाथ यादव को गिरफ्तार किया है।
संवाददाता मतीन अहमद