शंकर झा/ केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री संतोष गंगवार ने कहा है कि भारत प्री-स्कूल से सीनियर सेकेंडरी स्तर तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए शैक्षिक और कौशल प्रयासों को मजबूत कर रहा है। इटली की अध्यक्षता में आज यहां जी-20 के श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि भारत में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का उद्देश्य स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणालियों में सुधार करना भी है।
संयुक्त शिक्षा और श्रम एवं रोजगार मंत्रियों की घोषणा पर अपने मंत्रिस्तरीय संबोधन में श्री गंगवार ने युवा पीढ़ी को काम की दुनिया की आगामी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करने के लिए शिक्षा प्रणाली और श्रम बाजार के महत्व को स्वीकार किया, जो तेजी से विकसित हो रहा है और महामारी के कारण अब और अधिक चुनौतीपूर्ण बन गया है। उन्होंने कहा कि भारत ने युवाओं के क्षमता निर्माण और कौशल विकास के लिए कई पहल की हैं। राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन के परिणामस्वरूप सभी क्षेत्रों में कौशल प्रयासों का अभिसरण हो रहा है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, युवाओं को बेहतर अवसर मुहैया कराने के लिए उद्योग से संबंधित कौशल प्रशिक्षण लेने में सक्षम बनाती है।
मंत्री ने कहा कि भारत में रोजगार सृजन के लिए, सरकार नए कर्मचारियों के साथ-साथ महामारी में अपनी नौकरी गंवाने वालों को फिर से नियोजित करने के लिए आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत ईपीएफ योगदान का 24% तक का भुगतान कर रही है। उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन, ईएसआईसी के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा लाभ और रोजगार और आजीविका को बनाए रखने और ईएसआईसी कवरेज के विस्तार के लिए कई योजनाओं के माध्यम से प्रयास किए जा रहे हैं।
श्री गंगवार ने कहा कि जी-20 आर्थिक एजेंडा के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग का एक प्रमुख मंच है।
भारत शिक्षा से कार्य में सुगम परिवर्तन के लिए संयुक्त मंत्रिस्तरीय घोषणा को अपनाने का समर्थन करता है। श्री संतोष गंगवार ने कहा कि सदस्य देशों द्वारा इस तरह की पहल पूरी युवा पीढ़ी के समग्र विकास और क्षमता निर्माण के लिए बहुत मददगार होगी।