बदायूँ से गोविंद राणा की रिपोर्ट/भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के तत्वावधान में मुख्य चिकित्सा अधिकारी बदायूँ, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी बदायूँ डॉ के के जौहरी एवं औषधि निरीक्षक बदायूँ के भ्रष्ट कृत्यों की जाँच कर जनपद से हटाए जाने की मांग को लेकर मध्यान्ह 10:30 बजे से लेकर 11:30 बजे तक केंद्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल, प्रदेश समन्वयक डॉ सुशील कुमार सिंह व जिला समन्वयक एम एच कादरी के निर्देशन में कुटुंब सत्याग्रह का आयोजन किया गया।
भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के समस्त कार्यकर्ता व पदाधिकारीगण द्वारा निर्धारित समय पर अपने घरों में राष्ट्र राग ""रघुपति राघव राजाराम ........"' का कीर्तन किया गया तथा अंत में मंडल आयुक्त बरेली के माध्यम से ईमेल द्वारा मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को मांगपत्र प्रेषित किये गए।
गूगल मीट ऐप के माध्यम से आयोजित सभा में भी सभी सत्याग्रही सम्मिलित हुए।
इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के मुख्य प्रवर्तक व व्यवस्था सुधार मिशन के जनक हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने कहा कि जनपद बदायूँ में चिकित्सा विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है, लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नागरिकों को नहीं मिल पा रहा है। उप स्वास्थ्य केंद्र लुप्तप्राय हैं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बदहाल हैं। क्योंकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी बदायूँ भ्रष्टाचार के अनेक आरोपों से घिरे हुए हैं। उनके विरुद्ध अनेक जाँच चल रही हैं। भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष द्वारा भी उनके विरुद्ध शासन को लिखा गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी बदायूँ के भ्रष्ट कृत्यों में प्रमुख सहयोगी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ के के जौहरी हैं। डॉ जौहरी लंबे समय से बदायूँ में ही कार्यरत हैं, स्थानांतरण होने के बाद भी उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया गया। निजी चिकित्सालयों, अल्ट्रासाउंड सेंटर व झोलाछाप चिकित्सकों से मासिक/छमाही/वार्षिक अवैध वसूली में लिप्त रहते हैं, उन्हीं के विरुद्ध कार्यवाही करते हैं, जिनसे निर्धारित धनराशि प्राप्त नहीं होती है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी बदायूँ एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी बदायूँ डॉ के के जौहरी ने भ्रष्ट कृत्यों के परिणामस्वरूप जनपद के चिकित्सा तंत्र को पंगु बना दिया है ताकि नागरिक निजी चिकित्सालयों व झोलाछाप चिकित्सकों की सेवा लेने को विवश हो। आपदा काल में भी ये आचरण बदलने को तैयार नहीं है। आज कुटुंब सत्याग्रह करके माँग उठाई गई है, कार्यवाही न होने पर आंदोलन की रणनीति बनायी जायेगी।
जिला समन्वयक एम एच कादरी ने कहा कि चिकित्सा तंत्र का मुख्य अंग औषधि निरीक्षण विभाग भी निष्क्रिय है। औषधि निरीक्षक से नागरिक परिचित ही नहीं है। औषधि निरीक्षक भी औषधि विक्रेताओं से मासिक/छमाही/वार्षिक वसूली में लिप्त रहते हैं। जनपद में अनेक मेडिकल स्टोर बिना पंजीकरण के , मापदंडो को पूर्ण किये बिना इनकी ही कृपा से संचालित है। इनके द्वारा उन्हीं औषधि विक्रेताओं के यहाँ छापा मारे जाते हैं, जिनसे निर्धारित राशि प्राप्त नहीं होती है। इस कारण नागरिक महंगी, खराब गुणवत्ता की औषधियों को खरीदने को विवश हैं। भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के कार्यकर्ताओं द्वारा उक्त तीनों अधिकारियों को सद्बुद्धि प्रदान करने एवं इनके भ्रष्ट कृत्यों की जाँच की मांग के साथ आज कुटुंब सत्याग्रह जनपद भर में किया गया है। यदि भ्रष्ट अधिकारियों से जनपद को मुक्ति नहीं दिलायी गई तो सत्याग्रह के कार्यक्रम वृहद स्तर पर आयोजित किए जाएंगे।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अभियान के संरक्षक डाल भगवान सिंह, डॉ राम रतन सिंह पटेल, एम एल गुप्ता, कैप्टन राम सिंह, सी एल वर्मा एडवोकेट, मंडल समन्वयक शमसुल हसन, सह जिला समन्वयक अभय माहेश्वरी, अखिलेश सिंह, सतेन्द्रसिंह, तहसील समन्वयक असद अहमद, अरएन्द्र पाल सिंह, मो इब्राहिम, अखिलेश सोलंकी, दीपक माथुर, महेश चंद्र, नारद सिंह, विपिन कुमार सिंह, भुवनेश कुमार, समीरूद्दीन एडवोकेट, सुमित कुमार, प्रमोद कुमार, देवेंद्र शाक्य, सुभाष सिंह, अमीरुद्दीन, ज्ञानेंद्र सिंह, वीरपाल, अजयपाल, कृष्ण गोपाल धीरेंद्र सिंह आदि की सहभागिता रही।