बदायूँ/गोविंद राणा /डॉ शैलेश पाठक ने आज प्राकृतिक ऑक्सीजन के महत्व को समझाते हुए विगत कुछ महीने से चल रहे अपने वृक्षारोपण कार्यक्रम को विधिवत जारी रखाl डॉ पाठक ने कहा इन विषम परिस्थितियों में कृत्रिम ऑक्सीजन की जरूरत को एक बार फिर हमारे समाज को प्राकृतिक संपदा के महत्व को समझा दिया। उन्होंने कहा यदि पर्याप्त मात्रा में हमारे पास प्राकृतिक ऑक्सीजन रूपी पेड़ पौधे होते और अनावश्यक रूप से इनका कटान ना होता तो आज इस कृत्रिम ऑक्सीजन पर आम जन जीवन निर्भर नहीं रहता।उन्होंने कहा अभी भी वक्त है अगर हमारे समाज में प्रति व्यक्ति वृक्ष संपदा के महत्व को समझते हुए वृक्षारोपण करने का संकल्प लें निश्चित तौर पर आने वाला भविष्य सुरक्षित होगा अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। डॉ पाठक की टीम "हमहै" के अंतर्गत काफ़ी संख्या में पेड़ पौधे लगाए जा रहे है। पाठक ने कहा क्षणिक सुख देखते हुए लोग सालों साल पुराने पेड़ों को काट रहे हैं उन्हें यह समझना चाहिए यह पेड़ हमारी जिंदगी है इनका कटान कर के हम कहीं ना कहीं अपना जीवन असुरक्षित कर रहे हैं उन्होंने समाजसेवियों से एवं शासन प्रशासन से निवेदन किया है की विधिवत वृक्षों के महत्व को समाज को समझाने की योजनाएं चलाकर वृक्षों को लगाकर उन्हें हरा भरा रखने की जिम्मेदारी भी आम समाज को उठानी चाहिए l उन्होंने कहा उनका संगठन "हमहै" पौधों को लगा कर उनको पालने की भी जिम्मेदारी लोगों को सौंप रहा है जिससे पेड़ों का भविष्य के साथ साथ व्यक्ति का भी भविष्य सुरक्षित रहे l