गोविन्द राणा बदायंू: बिनावर के सुप्रसिद्ध मां दुर्गा मंदिर परिसर में चल रही श्रीमदभगवत कथा के समापन के बाद भारत गैस एजेंसी के निकट त्र्यम्बकेश्वर मंदिर में शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा की गई। यज्ञ की पूर्णाहुति के बाद श्रद्धालुओं कन्याभोज कराया।
बाबा हरिगिरी महाराज ने कहा कि श्रीकृष्ण ने ग्वाल वालों, गोपियों को भक्ति और प्रेम की शिक्षा दी। संयम, सेवा और संस्कारों को समर्पित मनुष्य ही उत्कृष्ट और महान बनता है। व्यक्ति अपने ही असत्य कर्मों के कारण ही नानाप्रकार के कष्ट पा रहा है। जबकि सत्य ही भगवान का सच्चा स्वरूप है।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि उन्होंने कहा कि तपस्वी ऋषि-मनीषियों से लेकर सद्गृहस्थ और ब्रहम्चारी नित्य यज्ञ करके संसार के समस्त कष्टों का निवारण और श्रेष्ठ कार्याें को संपन्न करते थे। यज्ञ से अनेकों विषाक्ताओं, अशुद्धियों, विकृतियों व प्रदूषण दूर होते हंै। वायुमंडल और वातारण शुद्ध और पवित्र बनता है। यज्ञ की महिमा से ऋषि-मुनियों का अपार ज्ञान और कृपा लोक कल्याण के लिए हमेशा बरसती है।
निर्मल गंगा जन अभियान के सुखपाल शर्मा ने कहा कि यज्ञीय ऊर्जा से जीवन पवित्र, प्रखर और प्रकाशवान बनता है। यज्ञ से प्राप्त शक्तियों को मंगलमय वातावरण और लोकशिक्षण में लगाएं।
गायत्री परिवार की ओर से यज्ञ संपन्न हुआ। श्रद्धालुओं ने गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र की विशेष आहुतियां यज्ञ भगवान को समर्पित कीं। मुख्य यजमान कल्याण शर्मा शक्तिकलश, भगवान शिव, मां दुर्गा का पूजन किया। श्रीमद्भगवत कथा के समापन के बाद भारत गैस एजेंसी के निकट त्र्यम्बकेश्वर मंदिर में शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इससे पूर्व मातृशक्तियों और देवकन्याओं ने कलश यात्रा निकाली। कलश यात्रा नगर के राजावेन, बूडे़ बाबा, शिवमंदिर होती हुई त्र्यम्बकेश्वर मंदिर पहुंची। श्रद्धालुओं ने मुख्य चैराहों पर कलश यात्रा का पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया। ओम और स्वास्तिक के रूप में सजी गगन चुम्बी पताकाऐं आकर्षण का केंद्र रहीं। मां के जयकारों और हर हर महादेव के जयघोष से वातावरण गुंजायमान रहा।
यज्ञ की पूर्णाहुति के बाद शक्तिस्वरूपा देवकन्याओं को भोजन कराकर दान दक्षिणा दी गई। इस मौके पर लवकुश शर्मा, गोदन लाल शर्मा, रक्षपाल शर्मा, विपिन शर्मा, उमेश शर्मा, महेंद्र पाल शर्मा, शनि बाबू शर्मा आदि मौजूद रहे।