इस्लामाबाद. पाकिस्तान में इमरान खान आखिरकार अपनी सरकार बचाने में कामयाब रहे। फ्लोर टेस्ट के दौरान नेशनल असेंबली में इमरान खान के पक्ष में 178 वोट पड़े। 170 वोट की जरूरत थी। इस बीच, विपक्ष के सांसदों और नेताओं पर असेंबली के बाहर जमकर हंगामा हुआ। फ्लोर टेस्ट का बायकॉट करके असेंबली के बाहर प्रदर्शन कर रहे विपक्ष के नेताओं पर जूते फेंके गए। मुस्लिम लीग की नेता मरियम नवाज को इमरान खान के समर्थकों ने हमला कर दिया। उन्हें लात और घूसे से मारा गया।
इमरान ने कहा, चुनाव सुधार की ओर बढ़ रहे
विश्वास मत हासिल करने के बाद इमरान खान ने करीब 45 मिनट तक सदन को संबोधित किया। कहा,' पाकिस्तान के विकास को कोई नहीं रोक सकता है। हम चुनाव सुधार के दिशा में भी काम कर रहे हैं। अब विदेश में रहने वाले पाकिस्तानी भी वोट कर सकेंगे। इसके अलावा अब हम इलेक्ट्रॉनिक मशीन से वोटिंग कराने पर काम कर रहे हैं। ऐसा होने पर जो हारेगा उसे अपनी हार माननी पड़ेगी।
विपक्ष ने फ्लोर टेस्ट का बायकॉट किया
असेंबली में विपक्ष के सदस्यों ने फ्लोर टेस्ट का बायकॉट किया। वोटिंग से पहले सीनेट चेयरमैन ने विपक्ष के सदस्यों को असेंबली में आने के लिए 5 मिनट का मौका दिया था, लेकिन कोई सदस्य नहीं पहुंचा। इसके बाद असेंबली के सारे दरवाजे बंद करके वोटिंग हुई। विदेश मंत्री महमूद कुरैशी ने संसद में विश्वास प्रस्ताव पेश किया था। विश्वास मत हासिल करने के लिए इमरान सरकार को 172 वोट चाहिए थे, लेकिन उन्हें 178 वोट मिले। मतलब इमरान ने 6 वोट ज्यादा हासिल किया। नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर ने इसका ऐलान किया। कहा, जब इमरान खान सत्ता में आए थे तो उनके पास 176 वोट थे, लेकिन आज 178 हो गए हैं।
विपक्ष ने कहा- धोखेबाज हैं इमरान
विपक्ष के नेता रहमान ने दावा किया कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शनिवार को जो सेशन बुलाया है, उसका मतलब है कि PM इमरान खान ने बहुमत का विश्वास खो दिया है। इसलिए उन्हें विश्वास मत हासिल करने की जरूरत है। राष्ट्रपति नेशनल असेंबली के सत्र को बुलाने की बात करते हैं, तो यह विपक्ष के रुख को मजबूत करता है। रहमान ने कहा कि इस सेशन का कोई राजनीतिक महत्व नहीं होगा। इमरान सरकार को देश की प्रतिनिधि सरकार नहीं माना जाएगा।
सीनेट चुनाव में वित्त मंत्री हारे
हाल में हुए सीनेट चुनाव में विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार पूर्व प्रधान मंत्री सैयद यूसुफ रजा गिलानी ने पाकिस्तान के वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख को हरा दिया। यह नतीजा इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि उनकी पार्टी और उसके सहयोगी नेशनल असेंबली में बहुमत में हैं। इसका मतलब यह है कि कुछ सदस्यों या सहयोगियों ने उनके पक्ष में वोट नहीं किया।