बॉक्सिंग रिंग में पंच करती ये दादी मां 75 साल की नैंसी स्ट्रेटन हैं। इन्हें पार्किंसंस बीमारी है। उन्हें पता चला था कि बॉक्सिंग के पंच से इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। इसलिए पिछले 6 सालों से वे पंचिंग कर रही हैं। शाइनी ग्लव्स और पर्पल स्नीकर्स पहनकर जब वे बॉक्सिंग रिंग में दिखती हैं तो लोग हैरान रह जाते हैं। टर्की में रहने वाली नैंसी हफ्ते में तीन दिन बॉक्सिंग करती हैं। वे मेडिटेरियन प्रोविंस के एंटाल्या में रहती हैं। नैंसी को जिम ट्रेनर ये बता चुके हैं कि बॉक्सिंग करने से पार्किंसंस पूरी तरह खत्म नहीं होता लेकिन इसके असर को कम किया जा सकता है।
नैंसी ने बताया कि जब मैं पहली बार बॉक्सिंग रिंग में उतरी तो लोगों को यह देखकर आश्चर्य हो रहा था कि एक ऐसी उम्रदराज महिला जिसके दांत भी नहीं है, वह यहां दिख रही है। इससे पहले इतनी उम्र की किसी महिला को बॉक्सिंग करते हुए नहीं देखा गया। इस्तांबुल के मेडिकल हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट गेसू कार्लिकाया के अनुसार, वैसे भी पार्किंसंस पर हुए विभिन्न शोधों में यह पाया गया है कि बॉक्सिंग दिमाग को हेल्दी रखने में मदद करती है। इसकी वजह से पार्किंसंस का असर कम होता है।