उदयपुर. राजस्थान की राजनीति की परीक्षा में 2 बार पास हो चुके BJP विधायक फूल सिंह मीणा अब BA की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने विषय भी पॉलिटिकल साइंस चुना है। मंगलवार को उनका पेपर था। एक समय घर में ऐसे हालात बने कि मीणा को स्कूल से ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। इसके बाद पार्षद बने, विधायक बन गए लेकिन पढ़ाई न कर पाने की कसक दिल में जगह बनाए हुए थी। इसी दौरान बेटियों ने मोटिवेट किया तो उन्होंने दोबारा पढ़ाई शुरू कर दी।
वर्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी के उदयपुर सेंटर पर पेपर देने पहुंचे फूल सिंह मीणा ने कहा कि राजनीति के साथ पढ़ाई भी काफी जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए मैंने 40 साल बाद फिर से पढ़ाई शुरू की थी। BA पास करने के बाद वह Phd की तैयारी करेंगे।
मीणा ने बताया कि पहली बार विधायक बनने के बाद मुझे स्कूलों में होने वाले कार्यक्रम में बुलाया जाता था। इस दौरान बच्चों के सामने भाषण देते वक्त मुझे काफी शर्मिंदगी महसूस होती थी। मुझे लगता था मैं खुद पढ़ा-लिखा नहीं हूं और इन्हें पढ़ने की शिक्षा देता हूं। अब मुझे ऐसा नहीं लगता। मैं जहां भी जाता हूं, छोटे बच्चों के साथ बड़ों को भी पढ़ने की सलाह देता हूं।
स्कूल में छूट गई थी पढ़ाई
मीणा ने बताया कि पिता की मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी आने से उन्हें स्कूली पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। परिवार चलाने के लिए वे खेती करने लगे। 2013 में उन्होंने पहली बार विधायकी का चुनाव लड़ा। इसमें जीत भी गए। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बेटियों से मिली प्रेरणा से उन्होंने फिर पढ़ाई शुरू की। फूल सिंह मीणा उदयपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार BJP के विधायक बने हैं। इससे पहले वह उदयपुर नगर निगम में पार्षद थे।
बेटियों को पढ़ाने में कसर नहीं छोड़ी
मीणा ने बताया कि बेटियों ने 2013 में ओपन स्कूल से 10वीं कक्षा के लिए फार्म भरवा दिया। विधायक बनने के बाद व्यस्तता बढ़ गई और वह 2014 में परीक्षा नहीं दे पाए। बेटियों ने 2015 में फिर से फार्म भर दिया। इस बार उन्होंने 10वीं की परीक्षा पास कर ली। इसके बाद 2016-2017 में वह 12वीं में पास हो गए। अभी वह ग्रेजुएशन में लास्ट इयर की परीक्षा दे रहे हैं।
मीणा भले खुद अब अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने अपनी पांचों बेटियों को पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 4 बेटियां पोस्ट ग्रैजुएशन कर चुकी हैं। एक बेटी पुणे में लॉ कर रही है। दिन भर कार्यक्रमों रहने के बाद जब वह घर पहुंचते हैं तो बेटियां उन्हें पढ़ाती हैं।