नोएडा, रोजगार को मौलिक अधिकार बनाए जाने मजदूरों/ कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर मजदूर, कर्मचारी 25 मार्च 2021 को प्रातः 11:00 बजे नोएडा श्रम कार्यालय पर प्रदर्शन कर केंद्र व प्रदेश सरकार को ज्ञापन देंगे उक्त प्रदर्शन की तैयारी के लिए सीटू कार्यकर्ताओं ने आज भी जनसंपर्क अभियान चलाया और मजदूरों से प्रदर्शन में भारी संख्या में शामिल होने की अपील किया अभियान के दौरान सीटू गौतमबुधनगर जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत शर्मा ने कहां की मोदी सरकार की आर्थिक नीतियां बड़े बड़े पूंजीपतियों के हकों की नीतियां हैं मोदी सरकार छात्र विरोधी, मजदूर विरोधी और युवा विरोधी आर्थिक नीतियां है जो कि रोजगार को खत्म करने का काम कर रही है जिसके चलते पिछले सात साल से रोजगार की लगातार चरमराती व्यवस्था आज भयावह रूप ले चुकी है। रोजगार संकट एकदम नहीं आया है बल्कि मोदी सरकार के जल्दबाजी और पूंजीपति के हित में फैसले के कारण है चाहे नोटबन्दी, जीएसटी व कोरोना के दौरान बिना तैयारी के थोपे गए लॉकडाउन जैसी सत्यानाशी नीतियों के चलते बद से बदतर हो चुका है। ऐसे में सरकार का काम होना चाहिए था कि अर्थव्यवस्था में सरकारी निवेश बढ़ाए जिससे रोजगार सृजन हो सके। पर, इसके उलट सरकार खुद खर्चे कम करने के नाम पर रोजगार खत्म कर रही है। बीएसएनएल व अन्य सरकारी संस्थान, केंद्र सरकार, रेलवे आदि में हम यही देख सकते हैं। इसके साथ ही सरकार विभिन्न संस्थानों व क्षेत्रों के विनिवेश करने और देशी-विदेशी कारपोरेट घरानों को सौंपने की तरफ आक्रामक तरीके से आगे बढ़ रही है, जिसका रोजगार पर एयर गलत असर पड़ेगा। सरकार की नीतियां ही स्थाई व सम्मानजनक रोजगार देने के खिलाफ जाती हैं। अपरेंटिस एक्ट में संशोधन तथा नेशनल अप्रेंटिस प्रोमोशन स्कीम ऐसे नीतिगत कदम हैं जो स्थाई रोजगार के बदले अस्थाई रोजगार को आम बना देगा। यही रुख 4 लेबर कोड कानूनों तथा पिछले साल लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी देखनी को मिलती है। उपरोक्त हालात में सभी को एकजुट होकर लड़ने की जरूरत है। अभियान के दौरान सीटू नेता भरत डेंजर, राम सागर, मदन प्रसाद आदि ने भी मजदूरों से श्रम कार्यालय पर होने वाले प्रदर्शन में भारी संख्या में होने की अपील किया।