इंदौर.भारत की ओर से 4 इंटरनेशनल मैच खेलने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज नमन ओझा ने शनिवार को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने की घोषणा की। मध्य प्रदेश के उज्जैन में जन्मे नमन संन्यास से पहले पिता विनय कुमार ओझा के साथ इंदौर के होलकर स्टेडियम पहुंचे और पिच को प्रणाम किया। इसके बाद उनकी आंखें भर आईं। नमन ने कमर में दर्द और परिवार को समय नहीं दे पाने को संन्यास की वजह बताया है। संन्यास की घोषणा से पहले भास्कर ने उनसे खास बातचीत की। नमन के नाम रणजी ट्रॉफी में विकेटकीपर के तौर पर सबसे ज्यादा शिकार (351) करने का रिकॉर्ड है।
नमन से किए सवाल और उनके जवाब
आपने संन्यास क्यों लिया?
नए प्लेयर आ गए हैं। उन्हें यदि इस समय चांस मिला, तो वे देश के लिए खेल सकेंगे। इसके अलावा कमर में दर्द रहता है। परिवार को भी समय नहीं दे पाता था। इसलिए मुझे लगा कि यह संन्यास लेने का सही टाइम है।
किसी खिलाड़ी के साथ खेलने का सपना जो अधूरा रह गया?
सचिन के खिलाफ तो खेला, लेकिन उनके संन्यास लेने से उनके साथ खेलने का मेरा सपना अधूरा रह गया।
ड्रेसिंग रूम या मैदान के कुछ यादगार पल?
कोलंबो में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट जीतना ही मेरी सबसे अच्छी याद है। 2016 में IPL में सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलते हुए ट्रॉफी जीतना, दिलीप ट्रॉफी और देवधर ट्राॅफी उठाना अच्छी यादों में से एक है।
अचानक संन्यास का क्यों सोच लिया?
टेस्ट, वनडे के साथ ही डॉमेस्टिक क्रिकेट से संन्यास ले रहा हूं। नए लड़कों को मौका मिले, संन्यास के पहले यही मेरी सोच है।
इंदौर के ग्राउंड के बारे में क्या कहेंगे? यहीं आप खेलकर आगे बढ़े?
यह मेरा होम ग्राउंड रहा। बचपन से यहीं पर खेल रहा हूं और यहीं पर खेलते हुए बड़ा हुआ हूं। मुझे यह ग्राउंड हमेशा याद रहेगा।
कोहली के बारे में क्या कहेंगे?
टीम इंडिया उनके नेतृत्व में अच्छा कर रही है। हम ऑस्ट्रेलिया में जीते। सभी खिलाड़ियों को ऑल द बेस्ट।
दर्शकों को क्या कहना चाहेंगे?
क्रिकेट सभी धर्म और राज्यों को मिलाकर रखता है। इसमें धर्म, जात-पात कुछ नहीं देखा जाता। क्रिकेट सभी को जोड़कर रखता है।
नमन के बारे में एक नजर
37 साल के नमन का जन्म 20 जुलाई, 1983 को उज्जैन मध्य प्रदेश में विनय कुमार ओझा के घर हुआ था।
नमन ने साल 2000 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में महज 17 साल की उम्र में डेब्यू किया था। उन्हें विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर मध्य प्रदेश की टीम में शामिल किया गया था।
वे 2009 के IPL में राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेले। उन्होंने टूर्नामेंट में 2 अर्धशतक बनाए।
फर्स्ट क्लास क्रिकेट के साथ ही नमन ने इंटरनेशनल क्रिकेट में देश का प्रतिनिधित्व किया है।
घरेलू क्रिकेट और IPL में शानदार प्रदर्शन के बाद 2010 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे और जिम्बाब्वे के खिलाफ टी-20 सीरीज के दो मैचों में खेलने का मौका मिला।
2014 में इंडिया-A के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर नमन ने 1 शतक और 1 दोहरा शतक लगाया था। नमन ने नाबाद 219 रन बनाए थे। इसमें 29 चौके और 8 छक्के शामिल थे।
इंडिया-A की ओर से अच्छे प्रदर्शन के बाद नमन को टेस्ट में डेब्यू का मौका मिला। उन्होंने 28 अगस्त, 2015 को श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था।
14 अगस्त, 2016 से ऑस्ट्रेलिया में 2 अनौपचारिक टेस्ट और 4 वनडे टूर्नामेंट के लिए नमन को इंडिया-A टीम के कप्तान के रूप में नामित किया गया था।
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में नमन ने 143 मैचों में 41.67 की औसत से 9753 रन बनाए हैं। इसमें से 7861 रन उन्होंने रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट में बनाए हैं।
विकेटकीपर के तौर पर फर्स्ट क्लास क्रिकेट में नमन ने 54 स्टंपिंग समेत 471 शिकार किए हैं।
नमन मध्य प्रदेश टी-20 लीग में इंदौर के लिए भी खेल चुके हैं। उन्होंने पिछले साल जनवरी में उत्तर प्रदेश के खिलाफ अपना आखिरी रणजी मैच खेला था।
नमन IPL में सनराइजर्स हैदराबाद के साथ-साथ राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली डेयरडेविल्स का भी प्रतिनिधित्व किया है।
धोनी को आराम देने पर मिला मौका
नमन को विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी समेत कई वरिष्ठ खिलाड़ियों को आराम मिलने की वजह से इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू का मौका मिला। उन्होंने 2010 में जिम्बाब्वे के खिलाफ 2 टी-20 में 12 रन और श्रीलंका के खिलाफ इकलौते वनडे मैच में 1 रन बनाया था। अगस्त, 2015 में श्रीलंका के भारत दौरे पर विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा हैमस्ट्रिंग की वजह से सीरीज से बाहर हो गए थे। इसके बाद 32 साल की उम्र में नमन को टेस्ट में डेब्यू का मौका मिला। उन्होंने इस टेस्ट की 2 पारियों में 56 रन बनाए।