भारतीय हिन्दी सेवी पंचायत के तत्वावधान में तहसील संयोजक विष्णु असावा के संयोजन में एक वृहद काव्य गोष्ठी का आयोजन स्टेट बैंक रोड देववाणी मंदिर बिल्सी में वरिष्ठ साहित्यकार नरेन्द्र " गरल" की अध्यक्षता में किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में व्यवस्था सुधार मिशन के जनक व भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के मुख्य प्रवर्तक हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में महाराणा प्रताप विकास ट्रस्ट के ट्रस्टी धनपाल सिंह उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम कार्यक्रम अध्यक्ष व मुख्य अतिथि द्वारा मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया गया। बिल्सी नगर की बेटियो ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। कार्यक्रम में वयोवृद्ध व युवा साहित्यकारों को सम्मानित भी किया गया।
वरिष्ठ साहित्यकार व कार्यक्रम अध्यक्ष नरेंद्र "गरल" ने पढा :-
बूंद बूंद मिल जायेगी तो जल दरिया हो जायेगा,
ऐसा रंग उड़ेगा भारत केसरिया हो जायेगा ।
आचार्य संजीव रूप ने पढा :-
अगर पानी पिलाते हो तो तुम तो तुम पानी को बातें
अगर रोटी खिलाते हो तो तुम बोते हो रोटी को
सुवीन कुमार माहेश्वरी जी ने पढ़ा :-
आपकी छठा का यदि वर्णन करेंगे तो,
तो बोलने से पहले यह वाणी रूक जायेगी
आशीष वशिष्ठ ने पढा :-
मन करता है कभी कबीरा बनकर तुझे रिझा लूं मैं
मन करता है कभी कि मीरा बन खड़ताल उठा लूं मैं।
मोहन लाल मक्कार ने पढ़ा :-
महाशक्ति आनंन्दनी नंदन के ध्येय,
करहु कृपा जगनंदनी भारत रहे अजेय।
बदायूं से आये ओजस्वी कवि षटवदन शंखधार ने पढा :-
शब्दों के पर्वत हरगिज़ ना ढहते है
हम कब ये इतिहास के पन्ने कहते हैं
काव्य पुत्र तो मरकर भी इस दुनिया में
गीत गजल छंदों में जिंदा रहते हैं
बदायूं से आये शैलेन्द्र मिश्रा ने पढ़ा :-
दो कदम चलना पढेगा आपको
फैसला करना पड़ेगा आपको
गर गुनाहों में कटी है ज़िन्दगी
मुख्तसर होना पड़ेगा आपको
बदायूं से आये युवा कवि हर्षवर्धन मिश्रा ने पढा :-
इन लकीरों में तुम बसे होते
गीत तुम पर ही सब कहे होते
ज़िन्दगी भी तभी रौशन लगती
हम चराग़ो से जब जले होते
बदायूं से आये अचिन मासूम से ने पढ़ा :-
बाद मेरे मरने के यारो यही निशानी लिख देना,
मेरे कफ़न के हर कोने पर हिन्दुस्तानी लिख देना ।
कार्यक्रम संयोजक विष्णु असावा ने पढा :-
बेटियां तो बेटियां हैं देवियों से कम नहीं,
घर में जब तक बेटियां हैं आंख होती नम नहीं ।
इसके अतिरिक्त शिवांक दीक्षित, प्रेम दक्ष, मोहित अजमेरा , अमनदीप उपाध्याय, तनुष्का माहेश्वरी, जुगेंद्र सिंह जुगनू आदि ने भी काव्य पाठ किया ।
गोष्ठी का संचालन कवि पवन शंखधार ने किया तथा कार्यक्रम संयोजक व भारतीय हिंदी सेवी पंचायत के तहसील संयोजक विष्णु असावा ने अंत में सभी का आभार व्यक्त किया।