भारतीय हिन्दी सेवी पंचायत के तत्वावधान में चौरी चौरा शताब्दी वर्ष के उपलक्ष में क्षत्रिय महासभा बदायूँ के जिला सचिव अखिलेश चौहान के चित्रांश नगर स्थित आवास पर एक काव्य गोष्ठी का आयोजन वरिष्ठ कवियत्री सीमा चौहान की अध्यक्षता में किया गया । मुख्य अतिथि के रूप में भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के मुख्य प्रवर्तक हरि प्रताप सिंह राठोड़ उपस्थित रहे। कार्यक्रम अध्यक्ष व मुख्य अतिथि द्वारा मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर व पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
सर्वप्रथम ओजस्वी कवि षटवदन शंखधार ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
उसके बाद राजवीर सिंह तरंग ने पढ़ा :-
जुल्म हुआ जो हद से ज्यादा आह बनी ये चौरी-चौरा,
आजादी के दीवानों की फिर राह बनी ये चौरी-चौरा।
सुनील कुमार शर्मा ने पढ़ा :-
जिनको प्राणों से प्यारा था अपना वतन।
देश रक्षा मे जीवन किया था हवन।
बेडियां दासता की न भाईं जिन्हें।
उनके चरणों में अर्पित हैं श्रद्धा हैं सुमन।
अचिन मासूम ने पढ़ा :-
जमी पर आसमा को भी झुकाना जानते हैं हम,
लहू निज देश की खातिर बहाना जानते हैं हम,
उतारी आरती मां भारती की प्राण दीपों से,
झुका सकते नहीं सर को कटाना जानते हैं हम!!
ओजस्वी कवि षटवदन शंखधार ने पढ़ा :-
इस देश भर में हुये जो बलिदान लोग
राष्ट्र द्वारा कभी वो भुलाये नहीं जायेंगे
दीपक तिवारी दिव्य ने पढ़ा :-
जो जिए देश हित उन नयन के लिए
रक्त जिनका बहा इस चमन के लिए
उन शहीदोँ के चरणोँ मेँ शत् शत् नमन
जान दे दी जिन्होने वतन के लिए
अजित सुभाषित ने कहा :-
कम शब्दों में सागर तुम भर देती हो,
यादों को फिर से ताज़ा कर देती हो।
सीमा चौहान ने कहा :-
भारत मां का सिरमौर वही
भारत मां का उद्घोष था
भारत मां का लाल वही
नेता सुभाष चंद्र बोस था।
इसके अलावा कामेश पाठक, विष्णु असावा , पवन शंखधार , सुरेन्द्र नाज, अहमद अमजदी, शैलेन्द्र देव मिश्रा, दिलीप कुमार आदि ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम संयोजक अखिलेश चौहान ने सभी का आभार व्यक्त किया।