इन्दौर। मशहूर गजल गायक जगजीत सिंह ने चचिटठी कोई संदेश…यह गीत उनके बेटे की आकस्मिक मौत के काफी समय बाद गाया था इस गीत के जरिये उनका वो दर्द भी सामने आया था जो उन्हें अपने बेटे को खोने से मिला था लेकिन अब जबकि खुद जगजीत दुनिया से विदा ले चुके हैं तो उनके चाहने वालों के लिए ये पक्तियां उन्हें एक श्रद्धांजलि की तरह ही हैं।
जगजीत सिंह को यूं ही गजल सम्राट नहीं कहा जाता है, ये उपाधि उन्हें इस वजह से मिली थी क्योंकि उनकी ही बदौलत गजल आम आदमी तक पहुंच सकी उससे पहले गजल उर्दू जानने वालों तक ही सीमित थी। उन्होंने गजलों को उस अंदाज में पेश किया जो सुनने वालों के दिलों तक उतरती चली गई। गजलों और उनके संगीत को लेकर भी जगजीत सिंह ने कई तरह के प्रयोग किए गजलों में इंडियन और वेस्टर्न म्यूजिक की मौजूदगी के साथ उनकी महकती आवाज ने कई गीतों और गजलों को भी अमर कर दिया। राजस्थान के श्रीगंगानगर में आज ही के दिन 8 फरवरी 1941 को आपका जन्म हुआ था और उनके पिता सरदार अमरसिंह धमानी सरकारी कर्मचारी थे। आपने सेनिया घराने के उस्ताद जमाल खान साहब से ख्याल, ठुमरी और ध्रुपद की बारीकियां सीखीं 1965 में जगजीत ने मुंबई की ओर रुख किया था कामयाबी की राह में कई मुश्किलें भी लेकिन वे लगातार सफलता की बढ़ते गए।