जयपुर.कृषि कानूनों के खिलाफ जयपुर सहित प्रदेशभर में शनिवार को कांग्रेस का पैदल मार्च आयोजित किया गया। परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास की अगुवाई में चला तो पैदल मार्च, लेकिन विधायक डॉ. महेश जोशी ऊंट पर सवार थे। आदर्श नगर विधायक रफीक खान व किशनपोल विधायक अमीन कागजी हाथी। कुछ विधायक और कांग्रेस नेता ट्रैक्टरों पर सवार दिखे, कारें और बाइक भी इस मार्च का हिस्सा रहीं। यानी पैदल कम, वाहनों पर ज्यादा।
इस मार्च में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भी शामिल होना था, लेकिन ऐनवक्त पर दोनों शामिल नहीं हुए। बताया जा रहा है कि सीएम नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक के कारण नहीं आ पाए, वहीं डोटासरा स्वास्थ्य खराब होने की वजह से नहीं आए। प्रदेश कांग्रेस के आह्वान पर इसी तरह का मार्च हर जिला मुख्यालय पर पार्टी की ओर से आयोजित किया गया।
कांग्रेस के झंडे और कानूनों के खिलाफ तख्तियां
मार्च में कार्यकर्ता कांग्रेस के झंडे और हाथ में तख्तियां लिए हुए थे। इन पर कृषि कानून को वापस लेने के नारे लिखे हुए थे। यह मार्च चांदपोल बाजार से छोटी चौपड़, त्रिपोलिया गेट, बड़ी चौपड़, रामगंज चौपड़, सूरजपोल अनाज मंडी होकर गलता गेट तक पहुंचा।
मार्च की तैयारियों के लिए कल बैठक की, लेकिन अनुशासन और रणनीति की कमी दिखी
पैदल मार्च की तैयारियों के लिए एक दिन पहले यानी शुक्रवार को कांग्रेस ने बैठक कर रणनीति बनाई थी। परिवहन मंत्री खाचरियावास और मुख्य सचेतक महेश जोशी ने जयपुर के विधायकों और नेताओं के साथ बैठक कर स्थानीय नेताओं को भी इसमें जिम्मेदारियां दी थी। मार्च के दौरान अनुशासन और रणनीति की कमी साफ दिखाई दी। जयपुर के बड़े नेता अपने-अपने समूहों में छितराए हुए से चलते रहे, पूरा मार्च शुरु से लेकर अंत तक तीन- चार टुकड़ों में बंटकर चला, इस वजह से बड़ा मार्च दिखाई नहीं दिया।
मास्क गायब, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं
सत्ताधारी पार्टी की ओर से अधिकृत रूप से भले ही प्रदेश की जनता को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग सहित सभी प्रकार के नियमों की पालना की दुहाई दी जाती रहे, लेकिन उसी पार्टी के कार्यक्रम में कोई नियम नहीं, कोई कानून नहीं। न तो किसी नेता या कार्यकर्ता ने मास्क पहना और न ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की गई। शनिवार को ही सीएम अशोक गहलोत ने देश के एक-दो राज्यों में बढ़े कोरोना केस को देखते हुए प्रदेशवासियों से कहा है कि वे नियमों का पालन गंभीरता से करें, इसके बावजूद कांग्रेस की रैली में उनकी अपील का कोई असर दिखाई नहीं दिया।
सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद कृषि कानून थोपना चाहता है केंद्र
मंत्री खाचरियावास ने कहा कि किसान आंदोलन में अब तक 200 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। दो दर्जन से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या कर ली है। सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों पर रोक लगा दी है, इसके बावजूद भाजपा की मोदी सरकार देश के किसानों पर ये कानून थोपना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा पेट्रोल-डीजल महंगा करके, गैस सिलेंडर की सब्सिडी खत्म करके, गैस सिलेंडर को 200 रुपए बढ़ाकर देश की जनता की पीठ में खंजर घोंप चुकी है।