उझानी: शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में चल रहे प्रखर बाल संस्कारशाला के बच्चों ने कैंप कार्यालय पर बाल मजदूरी और अशिक्षा पर नाटक का शानदार मंचन किया। समाज में व्याप्त बुराईयों और अंधविश्वासों को जड़मूल से समाप्त करने का संकल्प लिया।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि बच्चे श्रेष्ठ संस्कारों से कल्पना और संभावनाओं को साकार करें। राजनीति से लेकर वैज्ञानिक और आर्थिक क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाएं। समाज में फैली कुप्रथाओं, बुराईयों और अंधविश्वास को दूर करें। शिक्षा, संस्कृति, संस्कारों के सर्वोच्च ज्ञान से समाज और राष्ट्र को जाग्रत तीर्थ बनायें। आदर्शोन्मुखी जीवन जीकर दूसरों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनें।
निर्मल गंगा जन अभियान के जिला संयोजक सुखपाल शर्मा ने कहा कि बेटों को सौभाग्य और बेटियों को दुर्भाग्य की सोंच नारी जीवन के लिए दुर्दिन और दुर्दशा बन गई। बुजुर्गों का सम्मान घटता जा रहा है। नैतिक संस्कारों के अभाव में परिवार टूटते विखरते जा रहे हैं। आज्ञाकारी युवाशक्ति ही धरती पर स्वर्ग जैसा वातावरण ला सकती है।
बालिका कल्पना, नेहा, कशिश, दीप्ति, रौनक, पलक, आयुषी, तनिष्का, आकांक्षा ने बाल मजदूरी और अशिक्षा पर नाटक की शानदार प्रस्तुति दी। संचालन मृत्युंजय शर्मा ने किया। इस मौके पर आरती शर्मा, रीना शर्मा, सौम्या, हेमंत, अनुज, पवन आदि मौजूद रहे।