हनुमानगढ़.जिले के पीलीबंगा के दुलमानी क्षेत्र में मंगलवार को एक थैले में नवजात मिला। वहां पौधे को काट रहे मजदूरों को किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। उन्होंने पास जाकर देखा तो थैले में कुछ हलचल दिखी। मजदूरों ने जब थैला खोला तो उसमें एक नवजात गोबर में लिपटा हुआ रखा था। नवजात का मुंह भी रूमाल से बंधा हुआ था। लोगों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी।
पुलिस ने मौके पर ही मौजूद एक दाई से बच्चे की गर्भनाल कटवाई। इसके बाद उसे पीलीबंगा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में बच्चे की साफ सफाई कर लेबर वार्ड में मौजूद नवप्रसूता से मदर फीड कराया।
एएसआई हंसराज खटोड़ ने बताया कि फिलहाल नवजात को अस्पताल प्रशासन के सुपुर्द कर दिया गया है। आवश्यकता पड़ी तो इसे हनुमानगढ़ सरकारी अस्पताल की बच्चा यूनिट में देखभाल के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि मंगलवार दोपहर को किसी वक्त कोई अज्ञात व्यक्ति इस नवजात को लावारिस फेंककर गया है। जिसकी जांच की जा रही है।
गोबर बना कवच
पुलिस ने बताया कि नवजात शिशु को लावारिस फेंककर जाने वाले ने तो शिशु को थैले में डालकर उस पर गोबर इसलिए डाला होगा ताकि किसी को शक भी ना हो और दम घुटकर शिशु की मौत हो जाए। लेकिन, इस सर्दी के मौसम में कंटीली झाड़ियों से यही गोबर शिशु के लिए कवच बन गया। बच्चे के नीचे गद्दे की तरह परत बन जाने की वजह से वह सर्दी से बच गया।
गोद लेने वालों की लगी होड़
लावारिस नवजात शिशु के अस्पताल में आने की सूचना मिलते ही कई लोगों ने बच्चे को गोद लेने के लिए आगे आए। एसडीएम, सरकारी अस्पताल, पुलिस थाना में श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जोधपुर और पीलीबंगा के अनेक लोगों ने कॉल कर बच्चे को कानूनी प्रक्रिया से गोद लेने की इच्छा जाहिर की, वहीं एसडीएम प्रियंका तलानिया ने बताया कि बच्चे को गोद लेने की एक विधिवत कानूनी प्रक्रिया होती है। जिसके तहत बच्चे को गोद लेने वाले दंपत्ति के बारे में पूरी जानकारी लेकर आवश्यक नियमों की अनुपालना करते हुए ही उसे गाेद दिया जा सकता है।