महाकुंभ पर्व पर भारतवर्ष में स्थापित होगी ज्ञान गंगा माँ गायत्री और गंगाजलि


बदायंू: गायत्री शक्तिपीठ एवं आध्यात्मिक चेतना केंद्र पर संगोष्ठी हुई। शांतिकुंज हरिद्वार की तर्ज पर ‘‘सजल श्रद्धा-प्रखर प्रज्ञा‘‘ के निर्माण कार्य के लिए शक्तिपीठ पर जगह का निर्धारण हुआ। आगामी गतविधियों, प्रशिक्षण, संस्कार और अन्य रचनात्मक कार्यों पर भी विचार विमर्श किया गया।
बरेेली उपजोन प्रभारी अजयवीर सिंह ने कहा शांतिकुंज हरिद्वार के निर्देशानुसार भारतवर्ष की सभी गायत्री शक्तिपीठों, आध्यात्मिक चेतना केंद्रों को जन जागरण केंद्र बनाकर गांवों में स्वास्थ्य, स्वच्छता, स्वावलंबन एवं सुसंस्कारिता का वातावरण विनर्मित करेंगे। 
उन्होंने बताया कि हरिद्वार में माहकुंभ पर्व पर श्रद्धालुओं को कोरोना के कारण प्रतिभाग करने का मौका कम मिल पाएगा। ऐसी स्थिति में शांतिकुंज ने कुंभ हरिद्वार को ज्ञान गंगा माँ गायत्री और गंगाजलि को भारतवर्ष की शक्तिपीठों के माध्यम से गांव-गांव और घर घर में स्थापित करने का वीणा उठाया है। यह कार्यक्रम कुंभ स्नान पर्व 14 जनवरी से 27 अप्रैल तक चलेगा। 26 मई से गांवों में गायत्री महायज्ञ की श्रंखला चलेगी। 
जिला समंवयक नरेंद्र पाल शर्मा ने बताया कि गायत्री शक्तिपीठ पर शांतिकुंज हरिद्वार की तर्ज पर सजल श्रद्धा-प्रखर प्रज्ञा बनाने के लिए जगह का निर्धारण हो गया है। 30 दिसंबर को प्रातः 10 बजे वेदमंत्रोच्चारण और महायज्ञ के साथ विधिवत भूमिपूजन होगा।
मुख्य प्रबंध ट्रस्टी अनिल कुमार राठौर ने कहा कि गायत्री शक्तिपीठ पर शिक्षण-प्रशिक्षण, संस्कारों, सृजनात्मक कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर भव्य भूमिका बनाई जा रही है। उन्होंने कहा आगामी समय में शक्तिपीठ पर युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित पुस्तकों का साहित्यकेंद्र, कार्यालय, प्रतीक्षालय भी बनेंगे।
संरक्षक सुरेंद्र नाथ शर्मा ने कहा कि आत्मीय परिजन ईश्वरीय कार्य में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें। 
इस मौके पर कोषाध्यक्ष रामचंद्र प्रजापति, परिब्राजक सचिन देव, नत्थू लाल शर्मा, कालीचरन पटेल, माया सक्सेना, संजीव कुमार शर्मा, रजनी मिश्रा, शोभना भारद्वाज, मदन लाल झा, कृष्ण पाल सिंह, महेश चंद्र सक्सेना आदि मौजूद रहे।