ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में हुए लीजबैक घोटाले की जांच के लिए शासन के आदेश पर बनी 8 सदस्यीय एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद किसानो का गुस्सा उबल पड़ा है और रिपोर्ट के खिलाफ किसान लामबंद होने लगे हैं। किसान सेवा संघर्ष समिति ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया है कि सरकार और विकास प्राधिकरण के अधिकारी पूंजीपतियों के इशारे पर काम कर रहे हैं किसानों ने अपनी जमीन शहर को बसाने के लिए दी लेकिन किसानों के हितों को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है जो किसानों के साथ एक धोखा है।
किसान सेवा संघर्ष समिति की प्रवक्ता मनवीर भाटी ने मंगलवार को ग्रेटर नोएडा में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि एसआईटी रिपोर्ट के बारे में जानकारी मिलने पर जब हम ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी केके गुप्ता से मिले और उन्हें उनसे एसआईटी की रिपोर्ट मांगी तो उन्होंने जवाब दिया कि रिपोर्ट के पास नहीं आई है। इसके बाद हमने शासन से जानकारी हासिल की तो पता चला कि रिपोर्ट मिल चुकी है और विकास प्राधिकरण को भेजा जा चुका है। मनवीर भाटी ने कहा कि जानकारी यह मिली है कि बाहरी पूंजीपति व्यक्तियों को की आबादी को शासन ने हरी झंडी दे दी है जबकि ग्रेटर नोएडा मूल के किसानों की आबादी के साथ उनको मिल चुके 6% प्लॉट को भी खत्म करने की सिफारिश की गई है।
बाइट : मानवीर भाटी, प्रवक्ता, किसान सेवा संघर्ष समिति
बाइट : राजेन्द्र प्रधान,गाँव मायचा
मनवीर भाटी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसआईटी की जांच की रिपोर्ट और सिफारिशों को सार्वजनिक किया और कहां की ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण किसानों के साथ धोखाधड़ी करने और उनके हितों के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रहा है। किसानों ने कहा कि 10 वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद उन्होंने अपने परिवारों की सामाजिक सुरक्षा हासिल की थी इसे विकास प्राधिकरण ने तबाह कर दिया है इसके खिलाफ किसान एकजुट होकर आंदोलन करेंगे। घोड़ी बछेड़ा के प्रधान सूबेदार रमेश रावत का कहना है कि एसआईटी की रिपोर्ट की कॉपी हम हर गांव में भेज रहे हैं अगले 3 दिन तक वे अपने गांव में पंचायत करके 20 तारीख को हम समस्त गांव के प्रतिनिधियों की एक महापंचायत करेंगे उसके बाद अगली रणनीति की घोषणा की जाएगी।
विक्रम