हम हैं के संस्थापक व किसान नेता डॉ शैलेश पाठक के दातागंज स्थित आवास पर आज किसान पंचायत हुई जिसमें सैकड़ों प्रमुख किसानों ने भाग लिया।पंचायत को संबोधित करते हुए डॉ पाठक ने कहा कि हमारा अन्नदाता किसान है जिसके दम पर भारत की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है।आज किसान अपनी समस्याओं को लेकर विचलित है किसान के ऊपर सरकार को निर्णय नहीं थोपना चाहिए।किसान के हित का निर्णय किसान से चर्चा होने के बाद ही कानून के रूप में लागू होना चाहिए।उन्होंने घने कोहरे में किसानों के धरना को लेकर गहन चिंता जताई।उन्होंने कहा सरकार को किसानों से कुछ समय लेकर बिल पर यथासंभव निर्णय लेकर तत्काल धरना प्रदर्शन को स्वयं पहल करके खत्म करना चाहिए अन्यथा यदि देश का किसान भड़क गया तो क्रांति आ जाएगी क्योंकि किसान को आंसू गैस के गोले व पुलिस का लाठीचार्ज डरा नहीं सकता।किसान सिर्फ प्यार और सम्मान की भाषा से संतुष्ट हो सकता है।उन्होंने कहा मैं स्वयं एक किसान हूं मैं जानता हूं कि किसान इस समय किन परिस्थितियों से गुजर रहा है।सदैव प्राकर्तिक आपदाओं से ग्रस्त किसान को यदि सरकारें भी परेशान करेगी तो उस अन्नदाता का विकास कैसे होगा।
इस मौके पर राकेश वर्मा, पंजाब सिंह यादव, जोरावर यादव, सुनील मिश्रा, ठाकुर मनोज सोलंकी, सुधीर अग्निहोत्री, मोहम्मद अशरफ, मोहम्मद हारून, विनोद मैथिल, पंकज मिश्रा, ओमेंद्र पाल, मुनेश गुप्ता, गंगाराम कश्यप, रामदयाल राठौर, ठाकुर ओम राज सिंह, सुधीर पाठक समेत सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।