आज शिक्षा मंत्री ने बोर्ड 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा( 4 मई से) की तिथि के साथ प्रैक्टिकल परीक्षा 1 मार्च से होने की घोषणा कर दी l
थ्योरी परीक्षा की तैयारी तो ऑनलाइन हो सकती है परंतु प्रैक्टिकल परीक्षा की तैयारी वर्चुअल नहीं हो सकती इसमें मानवीय नियंत्रण की आवश्यकता होती है l इसके लिए प्रैक्टिकल में एक ही विधि 5-10 बार करा कर रीडिंग ली जाती है l प्रायोगिक क्रियाओं के दौरान के दौरान हाथों पर नियंत्रण एवं दृष्टि की अवलोकन की प्रैक्टिस कराई जाती है l
वर्तमान समय में लगभग सभी स्कूलों में प्रायोगिक क्रियाएं नहीं कराई जा रही l कुछ स्कूलों में वर्चुअल प्रैक्टिकल कराई जा रही है,जो विज्ञान के दृष्टिकोण से सही नहीं है l
अगर भारत को विज्ञान में आगे रहना है तो विद्यार्थियों को प्रायोगिक क्रियाओं के लिए अभ्यस्त कराना होगा l यहां पर सिर्फ स्कूल बोर्ड परीक्षा की पास करने की बात नहीं हो रही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सभी विज्ञान के छात्रों को प्रैक्टिकल स्कूलों में करानी चाहिए l यही साइंस के बच्चे बोर्ड के बाद वैज्ञानिक डॉक्टर इंजीनियर आदि बनेंगे
शैलेंद्र वर्णवाल
शिक्षाविद और समाजसेवी
अध्यक्ष भारत जागरूक नागरिक संगठन
9891167773