इंदौर.इंदौर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने इंदौर में भी रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। कोरोना की वजह से दूसरी बार इंदौर के लोगों को नाइट कर्फ्यू से गुजरना पड़ा रहा है। रविवार को दिन और रात दोनों समय उन जगहों का जायजा लिया, जो शहर की पहचान हैं और जहां सबसे ज्यादा आवाजाही रहती है। पहली लोकेशन थी राजबाड़ा का कृष्णपुरा छत्री चौक और दूसरा 56 दुकान वाला इलाका।
हमारी टीम ने ड्रोन की नजर से सुबह और शाम के हालात पर नजर रखी। यहां सुबह भीड़ दिखी तो रात होते ही सन्नाटा छा गया। सामान्य दिनों में राजबाड़ा पर रात 2 बजे तक भीड़ होती है, नाइट कर्फ्यू के दौरान 10 बजे यहां सन्नाटा दिखा।
56 दुकान इलाके में दोपहर में इस चहल-पहल थी।
56 दुकान दोपहर 2.30 बजे : खाने-पीने के लिए मशहूर 56 दुकान ने लॉकडाउन के बाद फिर से रफ्तार पकड़नी शुरू की थी कि एक बार फिर से नाइट कर्फ्यू ने ब्रेक लगा दिया। रात 11 बजे तक खुलने वाली दुकानें अब रात 9 बजे ही बंद होने लगी हैं। रविवार दोपहर जब टीम यहां पहुंची तो खाने के शौकीनों की भीड़ नजर आई। लोग परिवारों के साथ संडे मनाने यहां पहुंचे थे। सभी के चेहरे पर मास्क थे, सिर्फ खाने-पीने के दौरान ही मास्क नीचे कर रहे थे। व्यापारियों ने भी दुकान के सामने एक आदमी खड़ा कर दिया था। जो मास्क नहीं तो एंट्री नहीं की व्यवस्था संभाल रहा था।
रात 10 बजे 56 दुकान पर सन्नाटा पसरा था।
रात 10.15 बजे : रात के 10 बज चुके थे और नाइट कर्फ्यू शुरू हो चुका था। हमारी टीम एक बार फिर से 56 दुकान पहुंची तो यहां पर सन्नाटा पसरा हुआ था। गार्ड सीटी बजाते हुए गश्त में व्यस्त था, वहीं पुलिस भी सायरन बजाते हुए घूम रही थी। यहां पर इसलिए भी जल्दी सब कुछ शांत हो गया था, क्योंकि दुकानों को बंद करने के समय को 11 बजे से घटाकर रात 9 बजे कर दिया गया है।
दोपहर 3 बजे की फोटो कृष्णपुरा छत्री चौक की है।
कृष्णपुरा छत्री चौक दोपहर 3 बजे : इंदौर का दिल राजबाड़ा शहर की पहचान होने के साथ ही इस इलाके में सभी पुराने और बड़े बाजार हैं। कृष्णपुरा छत्री चौक ऐसी जगह है जहां 24 घंटे ट्रैफिक लोड रहता है। यहां से जवाहर मार्ग, नगर निगम, राजबाड़ा, सराफा, मल्हारगंज, रीगल, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, पलासिया, कलेक्ट्रेट सहित शहर के किसी भी इलाके में जा सकते हैं। सबसे ज्यादा ट्रैफिक लोड वाले इस चौराहे पर दोपहर में टीम जब पहुंची तो यहां पर तेजी से गाड़ियां दौड़ रही थीं। लोग पैदल भी बाजार की ओर जा रहे थे। भीड़ देख ऐसा लग ही नहीं रहा था कि इंदौर में हर दिन 500 से ज्यादा केस आ रहे हैं। हालांकि सख्ती के बाद सभी के चेहरे पर मास्क जरूर लगे हुए थे। यह स्थिति रात 9 बजे तक तो ऐसे ही बनी रही, लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे लोग कम होने लगे।
रात 10.30 बजे इक्का-दुक्का वाहन ही नजर आए।
कृष्णपुरा छत्री चौक पर रात 10.30 बजे : रात में जब फिर से हमारी टीम नाइट कर्फ्यू का जायजा लेने पहुंची तो यहां सन्नाटा था। पुलिस तो सख्ती करते नजर नहीं आई, लेकिन लोग खुद ही घरों में थे। सभी दुकानों पर ताले थे। ठंड की वजह से गार्ड स्ट्रीट लाइट की रोशनी में कंबल में दुबके हुए बैठे दिखे। करीब आधे घंटे में यहां से इक्का-दुक्का वाहन ही निकले। ये वे लोग थे जो देरी से ड्यूटी से छूटे थे या फिर जरूरी काम से बाहर जाना पड़ा था।