नई दिल्ली.दिल्ली में सर्विस और हाईटेक इंडस्ट्री से जुडे लोगों को दिल्ली में ही बने रहने के लिए दिल्ली सरकार ने कवायद शुरू कर दिया है। इसके लिए दिल्ली सरकार ने दिल्ली से सर्विस और हाईटेक इंडस्ट्री कम जगह के कारण दिल्ली के बाहर अन्य राज्यों में उद्याेग के स्थापना के लिए जा रहे थे। उन्हे दिल्ली में रोकने के लिए सस्ते दामों पर अधिक जमीन उपल्ब्ध करवाने का निर्णय लिया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्रीअरविंद केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि दिल्ली में सर्विस और हाईटेक इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को उद्योग लगाने के लिए अब उत्तर प्रदेश या हरियाणा के शहरों में जाने की जरूरत नहीं है। अब उन्हें दिल्ली में ही काफी सस्ती दर पर ज्यादा जगह मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस ऐतिहासिक निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों में बदलाव को लेकर हमने तीन साल पहले केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था। अब केंद्र सरकार ने उस पर मुहर लगा दी है और अब आने वाले समय में औद्योगिक क्षेत्रों की सूरत बदल जाएगी।
केजरीवाल ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में अभी तक निर्माण उद्योग लगाने की अनुमति थी, लेकिन अब नए औद्योगिक क्षेत्रों में केवल हाईटेक और सर्विस उद्योग लगाने की अनुमति होगी। अभी तक सर्विस उद्योग मास्टर प्लान में आँफिस की श्रेणी में आते थे और केवल कमर्शियल एरिया में खुल सकते थे, जो काफी महंगे होते थे। इसलिए यह उद्योग नोएडा, फरीदाबाद या गुरुग्राम चले जा रहे थे।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पुराने औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमियों को अपने मौजूदा उद्योग को बंद करके हाईटेक या सर्विस इंडस्ट्री लगाने के लिए मौका दिया जाएगा। हमें उम्मीद है कि यह निर्णय दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में बहुत ही क्रांतिकारी कदम साबित होगा। मुख्यमंत्री ने आज कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के सभी औद्योगिक क्षेत्रों के लिए एक बहुत ही ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
दिल्ली सरकार ने कुछ साल पहले यह प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार के पास भेजा था। केंद्र सरकार ने अभी एक-दो दिन पहले इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके बाद दिल्ली के जितने भी औद्योगिक क्षेत्र हैं, उन सब की पूरी तरह से सूरत बदल जाएगी। अभी तक दिल्ली के अंदर औद्योगिक क्षेत्रों में मोटे-मोटे तौर पर निर्माण गतिविधियों की अनुमति होती थी।
दिल्ली में बहुत सारे निर्माण उद्योग लगे हुए हैं। इसमें सरिया, स्टील, प्लास्टिक बनाने संबंधी किस्म-किस्म के निर्माण उद्योग हैं, जो बहुत ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं। आप किसी भी औद्योगिक क्षेत्र में चले जाएं, वहां पर आपको बुरे हालत देखने को मिलते हैं,वहीं अब यह निर्णय लिया गया है कि दिल्ली के अंदर अब कोई भी नया औद्योगिक क्षेत्र बनेगा, तो वहां पर केवल हाईटेक और सर्विस उद्योग लगाने को अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा कोई अन्य निर्माण कार्य करने वाले उद्योगों को लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अब नए औद्योगिक क्षेत्रों में सिर्फ हाईटेक और सर्विस उद्योगों को अनुमति दी जाएगी।
अब इस तरह के उद्योग लगाने की अनुमति होगी
दिल्ली सरकार ने नए औद्योगिक क्षेत्रों में लगने वाली इंडस्ट्री को सूची बद्ध किया है। अब औद्योगिक क्षेत्रों में सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री लग सकती है, इसके बहुत से कार्यालय यहां खुल सकते हैं। इसी तरह, कंप्यूटर हाॅर्डवेयर एंड साॅफ्टवेयर इंडस्ट्री, इंडस्ट्री इंटीग्रेटिंग एंड मैनुपुलेटिंग द इंटरफेस ऑफ कंप्युटर एंड टेलीकाॅम फैसिलिटीज, आईटी सर्विस इंडस्ट्री, इंटरनेट एंड ई-मेल सर्विस प्रोवाइडर, आईटीईएस इंडस्ट्री, कस्टमर इंटरेक्शन सर्विसेज, काॅल सेंटर, ई-मेल हेल्पडेस्क, बैक ऑफिस प्रोसेसिंग, फाइनाॅस एंड अकाउंटिंग, इंश्योरेंस क्लेम, एचआर सर्विसेज, बिजनेस प्राॅसेज आउट सोर्सिंग, नाॅलेज इंडस्ट्री, साॅफ्टवेयर एक्सटेंशन, मीडिया इंडस्ट्री, टीवी एंड वीडियो प्रोग्राम प्रोडक्शन, फोटो कंपोजिंग एंड डेस्कटाॅप पब्लिकेशन, पब्लिशिंग सर्विसेज,ऑडियो विजुअल सर्विसेज और सभी प्रकार की आर एंड डी के कार्यालय खुल सकते हैं,साथ ही चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील, ऐड एजेंसी, मार्केट रिसर्च एंड पब्लिक ओपनियन सर्विसेज, इक्विटी सर्विसेज, प्लेसमेंट सर्विसेज, वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट से जुड़े लोग अपने कार्यालय खोल सकते हैं। केजरीवाल ने कहा कि हम लोगों ने तीन-चार साल पहले यह प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार के पास भेजा था।
मैं पिछले तीन-चार महीने से केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी जी से इसको लेकर संपर्क में था। मैं व्यक्तिगत तौर पर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी जी का आज शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जिन्होंने दिल्ली के लिए यह ऐतिहासिक कदम उठाया है। दिल्ली में आने वाले समय में प्रदूषण को खत्म करने के लिए और दिल्ली को साफ- सुथरा और सुंदर बनाने के लिए यह बहुत ही निर्णायक एवं महत्वपूर्ण कदम साबित होगा