मुंबई-दिल्ली रेलवे ट्रैक की फिश प्लेट उखाड़ी, बयाना-हिंडौन मार्ग जाम किया, कर्नल किरोड़ी के पीलूपुरा पहुंचने पर गर्माया माहौल; वार्ता के रास्ते अभी भी खुले
बयाना.एक नवंबर से राजस्थान में चक्काजाम के आह्वान पर गुर्जर रविवार को भरतपुर जिले के पीलूपुरा में जुटे। दोपहर बाद कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला के पीलूपुरा पहुंचने पर माहौल गर्मा गया। कुछ युवक रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए और पटरियों को नुकसान पहुंचाने लगे। गुर्जरों ने पीलूपुरा में मुंबई-दिल्ली रेलवे ट्रैक की फिश प्लेट उखाड़ दी। इससे दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर फिलहाल ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया। उधर, गुर्जरों ने बयाना-हिंडौन मार्ग जाम कर दिया। सवाईमाधोपुर सहित राज्य के कुछ और स्थानों से भी गुर्जरों के उग्र होने के समाचार हैं।
गुर्जर आरक्षण आंदोलन पर समाज के नेता दो फाड़ हो गए हैं। राज्य सरकार ने गुर्जर समाज के एक गुट के साथ 14 बिंदुओं पर समझौता कर लिया, वहीं कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने इस समझौते को मानने से इनकार कर दिया और चक्का जाम की घोषणा को बरकरार रखा है। इसे देखते हुए करौली जिले में रविवार को बसें नहीं चलीं तो बयाना में पुलिस फोर्स जुटी है। साथ ही कई तहसीलों में साथ ही इंटरनेट सेवाएं अब रविवार आधी रात तक के लिए ठप कर दी गई हैं।
कर्नल ने की मंत्री अशोक चांदना से बात
कर्नल ने पीलूपुरा पहुंचने पर मंत्री अशोक चांदना से फोन पर बात की। कर्नल ने उनसे फोन पर दस मिनट में जवाब मांगा कि गुर्जरों के नौकरियों में आरक्षण को लेकर सरकार क्या कदम उठा रही है। इस पर वे चांदना के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्हें धरना स्थल पर बुलाया। चांदना ने कहा कि वे जयपुर से बाहर हैं। अभी नहीं आ सकते। इस पर कर्नल ने कहा कि वे भले ही हेलिकाप्टर से आएं लेकिन यहां पहुंच जाएं। इस पर चांदना ने तीन घंटे में पीलूपुरा पहुंचने की आश्वासन दिया। अब शाम को अशोक चांदना के वहां पहुंचने पर ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
कुछ युवक रेलवे ट्रैक पर आए: जहां कर्नल की सरकार से बात चल रही थी वहीं कुछ युवक रेलवे ट्रैक पर आ गए और पटरियों को नुकसान पहुंचाने लगे। इस पर पुलिस व अन्य लोगों ने उन्हें समझाया।
जयपुर में जहां एक गुट ने 14 सूत्री मांगों पर सरकार से समझौता कर लिया। वहीं कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला शनिवार देर रात तक आंदोलन करने पर अड़े हुए थे। वे बयाना के पीलूपुरा स्थित शहीद स्थल पर सभा करके अपनी रणनीति का खुलासा करेंगे। इस बीच, पूरे जिले में धारा 144 लागू है। इसमें किसी भी स्थल पर सार्वजनिक सभाएं करने, हथियार लेकर चलने पर रोक है। कलेक्टर नथमल डिडेल तथा आला अधिकारी बयाना में डेरा डाले हुए हैं।
दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए आरपीएफ के 150 जवान तैनात किए गए हैं। जिला प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है। इसके लिए बयाना में तीन आरएएस अधिकारियों को ड्यूटी मजिस्ट्रेट बनाया गया है। सरकारी अधिकारियों, पुलिस कर्मियों की छुट्टियां पहले ही रद्द की जा चुकी हैं। एहतियात के तौर पर बयाना में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल और पुलिस फोर्स तैनात की गई है।
शहीद स्थल पर भीड़ जुटाने को गांवों में किया जनसंपर्क और सभाएं
इधर, गुर्जरों नेताओं के मुताबिक गुर्जर समाज के लोग रविवार को बयाना-हिण्डौन रोड स्थित पीलूपुरा-कारबारी शहीद स्थल पर जुटेंगे। इससे पहले आंदोलन में ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाने के लिए कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय बैंसला और भूरा भगत ने शनिवार को बयाना एवं करौली के गुर्जर बहुल गांवों में जनसंपर्क और सभाएं कीं। इस बीच, रेंज आईजी संजीव नार्जरी और जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने पीलूपुरा स्थित आंदोलन स्थल का मुआयना किया। इसके बाद आरपीएफ और जीआरपी के अफसरों से मीटिंग कर उन्हें जरूरी निर्देश दिए।
आरएसी की कंपनियां बयाना पहुंची
गुर्जर आंदोलन के पुराने अनुभवों से सबक लेते हुए जिला प्रशासन ने भी तैयारियां पूरी कर ली हैं। लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाने के लिए आरएसी की दो कंपनियां पहुंच चुकी हैं। स्टेशन और ट्रैक की सुरक्षा के लिए आरपीएफ के 100 और जीआरपी के 300 जवान भी पहुंच चुके हैं। आरपीएफ चौकी इंचार्ज मुकेश चौधरी ने बताया कि इन्हें बयाना और फतेहसिंहपुरा के बीच स्टेशनों और ट्रैक पर तैनात किया जाएगा।
राज्य सरकार ने हिम्मत सिंह गुट के साथ समझाैता किया
राज्य सरकार ने गुर्जर नेता हिम्मत सिंह के नेतृत्व में 40 लाेगाें के प्रतिनिधी मंडल के साथ राज्य सरकार के साथ समझाैता किया है। इसमें गुर्जरों से जुड़ी भर्तियों, आंदोलन में मारे गए तीन लोगों को 5-5 लाख रुपए मुआवजे, आंदोलन में लगे मुकदमे वापसी आदि बिंदुओं पर सहमति बनी है। सचिवालय में 7 घंटे तक चली वार्ता के बाद आरक्षण मामले में गठित कैबिनेट सब कमेटी के मंत्री डा. रघु शर्मा, अशाेक चांदना और हिम्मत सिंह मीडिया के सामने आए। डा. रघु शर्मा ने 14 बिंदुओं पर सहमति और समझौते की जानकारी दी।
हिम्मत सिंह ने कहा कि आंदोलन के बाद भी गुर्जरों का प्रतिनिधी मंडल राज्य सरकार के साथ टेबल पर बैठता है। इस बार पहले ही बैठ गया है। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला द्वारा उन्हें अधिकृत नहीं करने के सवाल पर कहा कि जिन मुद्दों पर वह आंदोलन करने जा रहे थे, उन्हीं मुद्दों पर समझौता और समाधान समाज के लोगों ने किया है। चूंकि राज्य सरकार ने उन्हें वार्ता के लिए आमंत्रित किया था। ऐसे में हठधर्मिता नहीं दिखा सकते थे। अशाेक चांदना ने आश्वस्त किया कि सरकार हर बिंदु पर तुरंत एक्शन लेगी।