सवाई माधोपुर@ रिपोर्ट चंद्रशेखर शर्मा। नुक्ता प्रथा (मृत्यु भोज) जैसी कुप्रथा पर अंकुश लगाने का निर्णय लेते हुए पेशे से व्याख्याता एवं अध्यापक दो भाइयों शांतिलाल एवं विमल कुमार ने मंगलवार को अपने समाज के साथ-साथ अन्य समाजों के लिए एक नई मिसाल कायम की और मीना समाज में बदलाव का नया संदेश दिया। गौरतलब है कि, उखलाना निवासी दोनों भाइयों की माताजी का स्वर्गवास 19 अक्टूबर हो गया था। उसके पश्चात 12वें के दिन मृत्यु भोज का आयोजन होना शेष था। लेकिन दोनों भाइयों ने नुक्ता प्रथा के विरोध में कठोर निर्णय लेकर समाज के सामने नई चुनौती पेश की।
उखलाना गांव निवासी व्याख्याता शान्तिलाल एवं अध्यापक विमल मीना की माताजी व ब्लॉक महिला कांग्रेस अध्यक्ष अनीता मीना की सासू जी श्रीमती रूक्मणी देवी मीणा पत्नी रामरतन मीना के 19 अक्टूबर को निधन के पश्चात मंगलवार को मीणा समाज की जिला व ब्लॉक कार्यकारिणी के पदाधिकारियों व गांव के गणमान्य लोगों की शोकाकुल परिवार से नुक्ता प्रथा को लेकर बातचीत हुई , जिसके चलते उन्हें मृत्यु भोज का आयोजन नहीं करने की महत्वपूर्ण सलाह प्रदान की गई । जिस पर परिवार के सदस्यों ने समाज की बात को सिर माथे रख स्वीकार करते हुए अत्यंत खर्चीले मृत्युभोज के आयोजन को स्थगित करने में ही भलाई समझी। नुक्ता जैसी कुप्रथा का त्याग करने का संकल्प लेते हुए समाज के अन्य लोगों से भी भविष्य में ऐसे आयोजनों पर इस तरह का योगदान देने की बात कही गई। साथ ही मृत्यु भोज में खर्च होने वाली राशि को गांव के विधालय के हेतु राशि 51000/- इक्यावन हजार रुपए राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय उखलाना व 51000 रुपए मीणा समाज छात्रावास & अध्ययन संस्थान जिला टोंक को चैक के माध्यम से भेंट कर क्षेत्र में मृत्यु भोज बन्द करने का सकारात्मक सन्देश दिया। इस तरह के सामाजिक पहल की सर्वत्र लोगों द्वारा सराहना की जा रही है।