इंदौर/deepak tiwari नीमच.मालवा-मेवाड़ की सीमा पर मंडफिया (राजस्थान) में विराजित सांवरिया सेठ की पहचान पूरे देश में है। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन करने पहुंचते हैं। मनोकामना पूरी होने पर गुप्त दान करने का चलन है। पूर्णिमा पर इंदौर के एक भक्त ने नीमच के सराफा व्यापारी से चांदी से तैयार व सोने की पॉलिश वाली पोशाक चित्तौड़गढ़ जिले के कृष्णधाम मंडफिया पहुंचकर सांवलिया सेठ के मंदिर में भेंट की। मूलत: रतलाम निवासी तथा नीमच के चूड़ी गली स्थित सराफा व्यापारी गोपाल सोनी ने बताया कि इंदौर के शेयर मार्केट व्यापारी ने एक महीने पहले सांवलिया सेठ की पोशाक तैयार करने के लिए फोन पर चर्चा की थी। 6 सितंबर को 3 किलो 720 ग्राम चांदी लेकर व्यापारी दुकान पर आए। ऑर्डर बुक करने के साथ ही काम शुरू किया।
रोज 10 घंटे काम करके 20 दिन में पोशाक तैयार कर सात ग्राम सोने से पॉलिश की। व्यापारी यह पोशाक इंदौर घर पर ले गए, जहां पूजा-अर्चना के बाद 1 अक्टूबर को सांवलिया सेठ के मंदिर पहुंचे। सराफा व्यापारी गोपाल सोनी व उनके सहयोगी कारीगर मनोज सोनी भी मंडफिया पहुंचे। मंदिर के पुजारी को पोशाक भेंट की। उसी दिन कृष्ण भगवान सांवलिया सेठ को पोशाक पहनाकर शृंगार किया व आशीर्वाद प्राप्त किया।
गुप्तदान इसलिए नाम नहीं बताया
इंदौर के व्यापारी ने सांवलिया सेठ को गुप्त दान करने का संकल्प लिया था। चांदी से तैयार पोशाक को तैयार करवाने के बाद परिवार के साथ मंडफिया पहुंचे। उन्होंने गुप्त दान होने के कारण किसी को भी नाम नहीं बताया और सांवलिया सेठ को पोशाक भेंट की।
सराफा व्यापारी सोनी ने बताया व्यापारी ने एक माह लगातार चर्चा के बाद पोशाक का ऑर्डर दिया।