जयपुर.लंबे इंतजार के बाद अब जयपुर जंक्शन पर भी दिल्ली-मुंबई की तर्ज पर बिजली से संचालित होने वाली ट्रेनें दौड़ती नजर आएंगी। यह सौगात दिवाली तक आमजन के लिए शुरू हो सकती है। वर्तमान में जयपुर मंडल में विद्युतीकरण का काम अंतिम चरण में चल रहा है। नवंबर के अंतिम सप्ताह में पूरा हो जाएगा। रेलवे अफसरों का दावा है कि इसके शुरू होने से बाद यात्रा का समय 20 मिनट कम हो जाएगा।
1814 किमी रूट पर बिछाया बिजली का जाल
केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (कोर) के चीफ प्रोजेक्ट डायरेक्टर पीआर मीना ने बताया कि अब तक जयपुर प्रोजेक्ट में करीब 1814 किलोमीटर रेलवे लाइन का विद्युतीकरण कर लिया है। इसके अंतर्गत कनकपुरा से मदार, गांधीनगर से बांदीकुई, बांदीकुई से भरतपुर समेत कई ट्रैक का काम पूरा हो गया है,वहीं बस्सी से जयपुर यार्ड और कनकपुरा के बीच बीस प्रतिशत काम अंतिम दौर में चल रहा है। यह काम अगले महीने पूरा हो जाएगा। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक जयपुर जंक्शन पर बीते साल यार्ड के री-मॉडलिंग के कारण विद्युतीकरण का काम अटका था फिर लॉकडाउन हो गया जिससे देरी हो गई।
कनकपुरा से मदार (अजमेर), बांदीकुई से बस्सी पर सीआरएस निरीक्षण भी हो चुका है। यहां काम पूरा होने के बाद महज सीआरएस निरीक्षण ही बाकी है जो नवंबर के पहले सप्ताह तक होने के संकेत है। ऐसे में दिवाली तक जयपुर जंक्शन से दिल्ली, अजमेर, कोटा, रींगस-सीकर के लिए इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें संचालित होंगी।
विद्युतीकरण की वर्तमान स्थिति
जयपुर- दिल्ली रेलमार्ग: बस्सी-जयपुर-कनकपुरा (40 किमी) अक्टूबर में पूरा हो जाएगा। केवल तारों काम ही शेष है।
जयपुर-अहमदाबाद- मुंबई
मदार से दोराई (बायपास) (53 किमी) में फाउंडेशन का काम चल रहा है। यह नवंबर में पूरा होगा।
स्वरूपगंज-मावली (40 किमी) में महज तार खींचने का काम चल रहा है। अक्टूबर में काम पूरा होगा।
जयपुर- सवाई माधोपुर रेलमार्ग
शिवदासपुरा से जयपुर जंक्शन (29 किमी) में तार का काम शेष है। अक्टूबर में हो जाएगा़।
जयपुर-रींगस रेलमार्ग (57 किमी) में विद्युतीकऱण का काम चल रहा है। अक्टूबर अंत या नवंबर पहले सप्ताह में पूरा होगा।