असम में खास तरह की दुर्लभ प्रजाति वाली चायपत्ती ने फिर रिकॉर्ड बनाया है। मनोहारी गोल्ड टी खास तरह की चायपत्ती है, जिसे गुवाहाटी चाय नीलामी केंद्र पर 75 हजार रुपए प्रति किलो की कीमत पर बेचा गया है। यह असम में इस साल दर्ज चाय की सबसे ऊंची कीमत है।
इस चायपत्ती की पैदावार करने वाले मनोहारी टी स्टेट का कहना है, इस साल इसकी केवल 2.5 किलो पैदावार हुई। इसमें से 1.2 किलो की नीलामी हुई है। महामारी के बीच चाय की इतनी कीमत मिलना इंडस्ट्री के लिए राहत की बात है।
ये तो हुई नीलामी की बात अब ये भी समझ लीजिए कि यह चायपत्ती इतनी खास क्यों है...
चाय को तोड़ने का तरीका भी है अलग
मनोहारी टी स्टेट के डायरेक्टर राजन लोहिया कहते हैं, ये खास तरह की चायपत्ती होती है जिसे सुबह 4 से 6 बजे के बीच सूरज की किरणें जमीन पर पड़ने से पहले तोड़ा जाता है। इसका रंग हल्का मटमैला पीला होता है। यह चायपत्ती अपनी खास तरह की खुशबू के लिए जानी जाती है। इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं।
ऐसे तैयार होती है
पिछले 63 साल से असम की टी-इंडस्ट्री से जुड़े चंद्रकांत पराशर कहते हैं, इस खास तरह की चायपत्ती की पैदावार 30 एकड़ में की जाती है। पौधों से पत्तियों के साथ कलियों को तोड़ा जाता है। फिर इन्हें फर्मेंटेशन की प्रोसेस से गुजारा जाता है। फर्मेंटेशन के दौरान इनका रंग ग्रीन से बदलकर ब्राउन हो जाता है। बाद में सुखाने पर इसका रंग गोल्डन हो जाता है। इसके बाद इसे पत्तियों से अलग किया जाता है।
1 हजार करोड़ के घाटे से जूझ रहा चाय का कारोबार
डेक्कन हेराल्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन, मानसून और बाढ़ का सीधा असर असम की चायपत्ती की पैदावार पर हुआ है। टी-इंडस्ट्री इस साल 1 हजार करोड़ के घाटे से जूझ रही है। लेकिन हाल ही में नीलामी ने कुछ राहत पहुंचाई है।
राजन लोहिया कहते हैं, ढाई किलो में से 1.2 किलो की नीलामी हुई है। बची हुई चायपत्ती यहां के नीलामी केंद्र पर मिलेगी। इसे गुवाहाटी की विष्णु टी कम्पनी ने खरीदा है। यह कम्पनी ई-कॉमर्स वेबसाइट के जरिए दुनियाभर तक पहुंचाते हैं।