नोएडा, मजदूर, कर्मचारी- किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग पर देश के 10 श्रमिक संगठनों एवं कर्मचारी फेडरेशन ने 26 नवंबर 2020 को देशव्यापी आम हड़ताल/ चक्का जाम का ऐलान कर दिया है। उक्त हड़ताल को गौतम बुध नगर में सफल बनाने के लिए सोमवार 20 अक्टूबर 2020 को सीटू कार्यालय सेक्टर 8 नोएडा पर इंटक नेता डॉक्टर के पी ओझा, संतोष तिवारी, एटक नेता मोहम्मद नईम, एचएमएस नेता आरपी सिंह चौहान, सीटू नेता गंगेश्वर दत्त शर्मा, रामसागर, मदन प्रसाद, यूटीयूसी नेता सुभाष आदि नेताओं की बैठक हुई।
बैठक में 26 नवंबर 2020 को देशव्यापी हड़ताल को गौतम बुध नगर में सफल बनाने की रणनीति व योजना तय की गई बैठक में हड़ताल के प्रचार प्रसार के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया गया जिसके तहत जिला स्तर पर 1 नवंबर 2020 को संयुक्त कन्वेंशन सेक्टर 3 नोएडा पार्क में 11:00 बजे किया जाएगा। 3 नवंबर 2020 को श्रम कार्यालय सेक्टर 3 नोएडा पर प्रदर्शन कर हड़ताल नोटिस शासन प्रशासन को भेजा जाएगा। 4 नवंबर से 20 नवंबर तक मजदूरों के बीच सघन जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा। 21 नवंबर से 25 नवंबर तक पूरे जिले में माइक प्रचार, परचा वितरण, साइकिल रैली, मोटरसाइकिल रैली जुलूस निकालकर हड़ताल को सफल बनाने की अपील की जाएगी।
26 नवंबर 2020 को हड़ताल कर जगह-जगह जुलूस निकालकर चक्का जाम किया जाएगा हड़ताल की तैयारी में 50000 पर्चा, 2000 पोस्टर संयुक्त रूप से निकाले जाएंगे तथा सभी यूनियनें अपने अपने स्तर से बड़े पैमाने पर प्रचार सामग्री के साथ जनसंपर्क अभियान चलाकर हड़ताल को कामयाब करने का कार्य करेंगी।
26 नवंबर को होने वाली हड़ताल की प्रमुख मांग है कि सभी गैर आयकर दाता परिवारों के लिए प्रति माह ₹7500 का नगद हस्तांतरण, सभी जरूरतमंदों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 10 किलो मुफ्त राशन, ग्रामीण क्षेत्रों में 1 साल में 200 दिनों का काम बढ़ी हुई मजदूरी पर उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा का विस्तार व शहरी क्षेत्रों में रोजगार गारंटी का विस्तार, सभी किसान विरोधी कानूनों और मजदूर विरोधी श्रम संहिता को वापस लिया जाए, वित्तीय क्षेत्र सहित सार्वजनिक क्षेत्र के निजी करण को रोकने और रेलवे, आयुध कारखानों, बंदरगाह आदि जैसे सरकारी विनिनिर्माण उपक़म और सेवा संस्थाओं का निगमीकरण बंद किया जाए, सरकार और पीएसयू कर्मचारियों की समय से पहले सेवानिवृत्ति पर डैकियन सर्कुलर को वापस लिया जाए, सभी को पेंशन प्रदान करें, एनपीएस को खत्म करें और पहले की पेंशन को बहाल करें, ईपीएस-95 में सुधार करें आदि मांगे हैं