मुंबई.कोरोना के चलते मार्च से सिनेमाघर बंद हैं। मल्टीप्लेक्स और सिंगल स्क्रीन बिज़नेस को देश में 9,000 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। एसोसिएशन ने सिनेमाघर खुलवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाया है। मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन और केंद्र सरकार के बीच कई दौर की बातचीत के बाद दशहरे के आसपास सिनेमाघर खुलने के आसार हैं।
बॉलीवुड को हुए नुकसान की भरपाई अगले साल आने वाली फिल्मों से हो सकती है। फिल्म प्रोड्यूसर और ट्रेड एनालिस्ट गिरीश जौहर कहते हैं कि 2021 में कई फिल्में मेगाबजट की हैं। बड़े स्टार्स की अच्छी पटकथा वाली करीब 16 फिल्में लाइनअप हैं। इनसे करीब 4 हजार करोड़ की कमाई की उम्मीद है।
देश की प्रमुख मल्टीप्लेक्स चेन कार्निवाल के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट कुणाल साहनी कहते हैं ‘हमेशा दीवाली, ईद, दशहरा, 2 अक्टूबर, होली जैसी तारीखों पर फिल्म रिलीज के लिए मारामारी रहती है। लेकिन यह साल पूरा कोविड में चला गया। अब अक्टूबर में सिनेमाघर खुलने की उम्मीद है और तमाम अधूरी फिल्मों के बचे हुए काम तेज़ी से हो रहे हैं। यही नहीं 2021 में जिस तरह की फिल्में आ रही हैं उससे लगता है कि हम नुकसान की भरपाई कर लेंगे।
कुणाल साहनी के अनुसार बॉलीवुड की तैयारी अब 2021 के लिए है। इस हिसाब से अगले साल हर बड़े मौके पर फिल्म रिलीज की मारामारी रहेगी। देश में 9,000 स्क्रीन हैं, जिसमें से लगभग 2600 स्क्रीन मल्टीप्लेक्स की हैं। मल्टीप्लेक्स में देश में चार बड़े खिलाड़ी हैं- पीवीआर, आईनॉक्स, कार्निवाल और सिनोपोलिस।
जिनका बिज़नेस पूरी तरह से फिल्मों पर टिका है। इसी साल के अंत तक सिनेमाघरों को जिन फिल्मों से उम्मीद है, वे हैं, 83, सूर्यवंशी, हॉलीवुड की नो टाइम टू डाइ, डिज्नी की बहुप्रतीक्षित मुलान और वार्नर ब्रदर्स की टेनेट है। मूवी मार्टिंग कंपनी के अश्वनी शुक्ला का कहना है कि भारत में हर साल रिलीज़ होने वाली लगभग 1000 फिल्मों में से 300 को ही सिनेमाघर मिलता है। भारत के पास कंटेट बहुत ज्यादा है और स्क्रीन बहुत कम। ओटीटी पर आई शकुंतला देवी, गुंजन सक्सेना जैसी फिल्मों को दर्शकों ने नकार दिया। जबकि यह फिल्में अच्छा बिज़नेस कर सकती थीं। इसलिए अब सिनेमाघर के लिए ही फिल्मों की तैयारी हो रही है।