वाराणसी.उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) अस्पताल में एक बार फिर लापरवाही का मामला सामने आया है। कोविड वार्ड से एक मरीज के लापता होने की सूचना लंका थाने पर बीएचयू प्रशासन ने दिया है। इससे पहले भी मरीजों के साथ कोविड अस्पताल में लापरवाही के मामले सामने आ चुके हैं।
बताया जा रहा है कि मऊ जनपद के भटकौल गांव के रहने वाले एक शख्स को कोविड वार्ड में 23 तारीख को भर्ती किया गया था। लेकिन 26 को वो व्यक्ति वहां से गायब हो गया। जिसकी सूचना बीएचयू अस्पताल द्वारा लिखित तौर पर स्थानीय थाने को दी गई है। अभी बीएचयू की ओर से कोई आधिकारिक बयान नही आया है। रविवार को यह मामला मीडिया में सामने आने के बाद प्रशासन ने चुप्पी साध ली है।
बीएचयू में कोरोना काल में लगातार लापरवाही के मामले
पहला मामला
12 अगस्त कोरोना की वजह से एडिशनल सीएमओ डाक्टर जंगबहादुर की मौत हो गई थी। कोरोना संक्रमित होने के कारण शव को देखने की इजाजत परिजनों को नहीं थी। परिजन डेडबॉडी लेकर दाह संस्कार करने हरिश्चंद्र घाट पहुंचे। दाह संस्कार के दौरान एक और परिवार पहुंचा और लाश की अदलाबदली की बात बताई। परिवार ने जब अधजली लाश का चेहरा देखा तो होश उड़ गए। पिता समझकर युद्धवीर दाह संस्कार कर रहा था, लेकिन वह कोरोना से संक्रमित गाजीपुर के केशव श्रीवास्तव का डेडबॉडी थी।
दूसरा मामला
कोरोना मरीज को चोट लगने के बाद 12 अगस्त को परिजनों ने ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था।15 अगस्त को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद सुपर स्पेशियलिटी कॉम्प्लेक्स के कोविड वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। जहां दूसरे तल पर बेड नंबर 26 में भर्ती था। कुछ दिनों बाद अस्पताल स्टॉफ ने परिजन को मरीज के गायब होने की सूचना दी। इसके बाद लंका पुलिस को तहरीर भी दी गई। इसके बाद मरीज का शव कैम्पस में ही मिला।
तीसरा मामला
फूलपुर थाने के बाबतपुर क्षेत्र के कैथोली गांव निवासी युवक को मानसिक बीमारी को लेकर 16 अगस्त को बीएचयू के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया था। इस दौरान युवक की कोविड-19 जांच रिपोर्ट में उसके संक्रमित होने का पता चला। जिसके बाद कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने 23 अगस्त को देर रात चौथी मंजिल से कूद के आत्महत्या कर लिया। कई परिजनों ने तोड़फोड़ किया और चोरी का भी आरोप लगाया।