deepak tiwari
इन्दौर। लता मंगेशकर भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका हैं जिनका छह दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है। स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने 20 भाषाओं में 30 हजार गाने गाये है। उनकी आवाज़ सुनकर कभी किसी की आंखों में आंसू आए, तो कभी सीमा पर खड़े जवानों को सहारा मिला। लताजी आज भी अकेली हैं।
लताजी का जन्म 28 सितंबर को हमारे शहर इंदौर में हुआ था, बचपन में उन्हें काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा। जब वो 13 साल की थीं तभी दिल का दौरा पडऩे से उनके पिता गुजर गए थे। कड़ी मेहनत के बाद 1947 में जब फि़ल्म आपकी सेवा में उन्हें एक गीत गाने का मौक़ा मिला, 1949 में आएगा आने वाला… गीत गाया जिसके बाद आपके प्रशंसकों की संख्या दिनों दिन बढऩे लगी। इस बीच आपने उस समय के सभी प्रसिद्ध संगीतकारों के साथ काम किया। अनिल बिस्वास, सलिल चौधरी, शंकर जयकिशन, एस. डी. बर्मन, आर. डी. बर्मन, नौशाद, मदनमोहन, सी. रामचंद्र आदि सभी संगीतकारों ने आपकी प्रतिभा का लोहा माना। लताजी ने दो आंखें बारह हाथ, दो बीघा ज़मीन, मदर इंडिया, मुग़ल‑ए-आज़म आदि महान फि़ल्मों में गाने गाये है। आपने महल, बरसात, एक थी लडक़ी, बडी़ बहन आदि फि़ल्मों में अपनी आवाज़ के जादू से इन फि़ल्मों की लोकप्रियता में चार चांद लगाए। इस दौरान आपके कुछ प्रसिद्ध गीत थे। लताजी के सुपरहिट गीतों की एक लम्बी कतार है।
आज भी अकेली है..
पिता के गुजर जाने के बाद घर की सारी जिम्मेदारियां लता मंगेशकर पर आ गईं थीं। लताजी ने कहा कि घर के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी मुझ पर थी। ऐसे में कई बार शादी का ख्याल आता भी तो उस पर अमल नहीं कर सकती थी। बेहद कम उम्र में ही मैं काम करने लगी थी। छोटे भाई‑बहनों को सम्भालती थी, फिर बहन की शादी हो गई और उनके बच्चे हो गए तो उन्हें संभालने की जिम्मेदारी आ गई।