कई देशों में चावल सहित भारतीय मसालों की सप्लाई कर रहीं भावना;deepak tiwari जोधपुरी हस्तकला को अमेरिका के फर्नीचर बाजार में पहुंचाएगी तनिशा
म्हारी छोरिया छोरों से कम है के.... फिल्म ‘दंगल’ के इस डायलॉग ने बेटियों की हिम्मत और जज्बे को एक नई दिशा दी है। मिलिए जोधपुर की दो ऐसी ही बेटियों से जिन्होंने विदेश में अपनी कंपनी बनाकर बिजनेस के क्षेत्र में अपने कदम जमा रही हैं। भावना जैन अपने बिजनेस के जरिए जोधपुर की अपणायत का भी अहसास करा रही है तो तनिशा सिंघल धूत हमारे यहां की हस्तकला को अमेरिका के सबसे प्रसिद्ध फर्नीचर बाजार में ले जा रही है।
कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही तय कर लिया था कि इंपोर्ट-एक्सपोर्ट का बिजनेस करना है : भावना जैन
लगभग सभी देशों में कोरोना काल मार्च में शुरू हो गया था। उस समय जोधपुर की 27 साल की भावना जैन ने गल्फ कंट्रीज में भी खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाई। भावना ने 2017 में भारत से एक्सपाेर्ट बिजनेस शुरू किया और 2019 में दुबई में अपनी कंपनी ईस्टर्न फॉर्म्स शुरू की। यह भारत सहित दक्षिण पूर्व एशिया, अफ्रीका, चीन, वियतनाम, यूरोपीय देशों से खाद्य उत्पादों का इंपोर्ट करते हैं।
भावना ने बताया, भारत से चावल, लाल मिर्च, फ्लैक्स सीडस और क्यूमिन सीड्स जैसे आइटम्स की वहां बहुत डिमांड है। उन्हाेंने बताया, उसने काॅलेज के दिनाें में ही तय कर लिया था कि इंपोर्ट-एक्सपाेर्ट का बिजनेस करना है। वे गल्फ फूड फेयर के साथ वर्ल्ड वाइड फेयर में भी हिस्सा ले चुकी हैं। भावना ने बताया, काेराेना काल में दुबई, सऊदी अरब, ओमान और यमन सहित कई देशाें में खाद्य सामग्री की कमी पूरी करने के लिए वहां की सरकारों ने जिन कंपनियाें काे लिस्टेड किया था उनमें हमारी कंपनी भी थी।
खास बात यह है कि भावना अकेली महिला थी जिनकी कंपनी इस प्रोजेक्ट के लिए चुनी गई थीं। उन्होंने बताया, हमने न केवल इन देशों को फूड उपलब्ध कराया, बल्कि वहां काम कर रहे वर्कर्स के रहने-खाने की व्यवस्था भी की। ट्रांसपाेर्ट कंपनियों के ड्राइवर्स के लिए टिफिन अवेलेबल कराए। दुबई के किंग अबू रशीद ने लॉकडाउन में सर्विस देने वाली सभी कंपनियों का आभार जताया।
बचपन से ही हैंडीक्राफ्ट आइटम बनते देखे हैं, अमेरिका में डिमांड देखी तो कंपनी शुरू कर दी: तनिशा सिंघल धूत
तनिशा सिंघल धूत को हैंडीक्राफ्ट बिजनेस विरासत में मिला है और शादी कर जब वे अमेरिका गईं तो हैंडीक्राफ्ट के प्रति अपने प्रेम से दूर नहीं हो पाईं। तनिशा ने बताया, जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट और हस्तकला से तराशे हुए आइटम की दुनिया भर में डिमांड है तो हमने सोचा क्यों न जोधपुर की इस कला को अमेरिका लाया जाए। अमेरिका में हाथों से बनी चीजों का खूब स्कोप भी है।
तनिशा ने बताया, शादी से पहले मैंने दाे साल तक पापा और दादाजी के साथ अपनी पारिवारिक फर्म लालजी हैंडीक्राफ्ट ज्वाइन की और हैंडीक्राफ्ट आइटम बनाने से लेकर मार्केटिंग तक के सारे काम को करीब से देखा था। मेरे पति हितेन का अमेरिका में मेडिकल का अपना बिजनेस है लेकिन उन्हें जोधपुर की हस्तकला से भी काफी प्यार है। ऐसे में जब हमने अमेरिका में हाथ से बने आइटम की डिमांड देखी तो सोचा क्यों न एक कंपनी शुरू कर जोधपुर की यूनिक हस्तकला को यहां ले आएं।यही साेचकर हमने होम एंड टीक शुरू की। इसमें हम दोनों के नामों का पहला अक्षर है। हमने अपने शहर फोर्ट मीयर्स में वेयरहाउस बनाया है जहां इन दिनों प्रोडक्शन का काम चल रहा है। मियामी में फर्नीचर का बहुत बड़ा बाजार है और हम अपना स्टोर दिसंबर में वहीं शुरू करने का प्लान कर रहे हैं।