नई दिल्ली। भारत आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। लेकिन यह एक कड़वी सच्चाई है कि चीन पर निर्भरता अचानक से नहीं घट जाएगी। चीन इसी बात का समय-समय पर फायदा उठा रहा है। भारत बहुत बड़े पैमाने पर मेडिसिन का उत्पादन करता है, लेकिन इसके लिए जरूरी उत्पाद API (Active Pharmaceutical Ingredients) और KSM (Key Starting Materials) का आयात चीन से किया जाता है।
20 फीसदी तक की तेजी
चीन ने की स्टार्टिंग मटीरियल की कीमत में 10–20 फीसदी का इजाफा किया है। इसका सीधा असर भारत में दवा की कीमतों पर दिखाई दे सकता है। अगले एक से दो महीने के भीतर जब KSM की नई खेप आएगी तो उसकी कीमत ज्यादा होगी, जिसके कारण मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट बढ़ जाएगी और दवा की कीमत भी बढ़ानी पड़ेगी। उद्योग जगत का कहना है कि चीन का मकसद इस तरह की हरकतों से आत्मनिर्भरत भारत अभियान को धक्का पहुंचाना है।
KSM से एंटी बॉडी मेडिसिन तैयार होती है
भारत API का बड़े पैमाने पर आयात करता रहा है। API को बेसिक फार्म इंग्रीडिएंट कहते हैं। इसकी मदद से दवा तैयार होती है। एपीआई की कीमत अब प्री-कोविड लेवल पर पहुंच चुकी है। भारत जरूरत का 70–80 फीसदी चीन से आयात करता है। KSM की मदद से भारतीय कंपनियां एंटीबॉडी तैयार मेडिसिन तैयार करती हैं। इसकी कीमत में तेजी के कारण दवा की कीमत में भी तेजी आएगी। इसकी कीमत में 15 फीसदी तक की तेजी आई है।