दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कोरोना संकट के बीच ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को आदेश दिया है कि वह अपने यहां पढ़ने वाले गरीब बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए गैजेट्स और इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध कराएं। कोर्ट ने कहा कि कोरोना के बीच बच्चों की पढ़ाई न रुके इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। प्राइवेट स्कूल इसके लिए राज्य सरकार से शुल्क ले सकेंगे।
कोर्ट ने यह भी साफ किया कि, '' इन गैजेट्स और इंटरनेट कनेक्शन का खर्च ट्यूशन फीस का हिस्सा नहीं है। ऐसे में जिन बच्चों के पास ऑनलाइन एजुकेशन की सुविधा नहीं है उन्हें स्कूल और सरकार मिलकर यह सुविधाएं उपलब्ध कराएं।''
जस्टिस फॉर ऑल NGO की याचिका पर हुई सुनवाई
जस्टिस मनमोहन और संजीव नरुला की बेंच ने मामले में कहा कि इस तरह की सुविधाओं के अभाव से बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा रुकावट बन रही है। दरअसल, अदालत ने NGO जस्टिस फॉर ऑल की तरफ से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। याचिका में केंद्र और दिल्ली सरकार से गरीब बच्चों को मुफ्त लैपटॉप, टैबलेट या मोबाइल फोन उपलब्ध कराने की मांग की गई थी, ताकि वे कोरोना लॉकडाउन में ऑनलाइन क्लासेस अटेंड कर सकें।
तीन सदस्यीय समिति के गठन का भी दिया निर्देश
दोनों न्यायाधीशों की बेंच ने तीन सदस्यीय समिति के गठन का भी निर्देश दिया, जिसमें केंद्र के शिक्षा सचिव या उनके नॉमिनी, दिल्ली सरकार के शिक्षा सचिव या उनके नॉमिनी और निजी स्कूलों के एक प्रतिनिधि मिलकर ऐसे गरीब और वंचित स्टूडेंट्स की पहचान कर उन तक गैजेट्स की आपूर्ति करेंगे। इसके अलावा कोर्ट ने समिति को बच्चों तक इन गैजेट्स और इंटरनेट कनेक्शन पहुंचाने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOPs) भी तैयार करने को कहा है।