केंद्र सरकार की गाइडलाइन है, हम स्कूल नहीं खोल सकते हैं; अगर किसी बच्चे को कुछ हो गया तो जवाब हमें ही देना पड़ेगा
मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने निजी स्कूलों की फीस को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों के फीस वसूलने पर रोक लगाई है, ऐसे में वह सिर्फ ट्यूशन फीस ले सकते है। स्कूल शिक्षा मंत्री भोपाल में मीडिया से निजी स्कूलों द्वारा फीस वसूलने के मामले बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कहीं पर फीस वसूली जा रही है और उसकी शिकायत मिली तो हम स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने कहा कि निजी स्कूलों पर सरकार का एकदम बहुत ज्यादा नियंत्रण नहीं है, फीस वाले मामले में खासकर, इसे लेकर हम कानून भी बनाने जा रहे हैं। जहां तक कोरोना काल की बात है तो सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्देश दिए हैं कि बच्चों के नाम न काटे जाएं। हमारी तरफ से भी ये सख्त निर्देश हैं।
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है, अब सिर्फ ट्यूशन फीस स्कूल वाले ले सकते हैं और मुख्यमंत्री ने भी मामले में निर्देश दिए हैं। कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई की जा रही है, और जिन गरीब बच्चों के पास लैपटॉप या मोबाइल नहीं है, उनकी दूरदर्शन के माध्यम से टीवी के द्वारा पढ़ाई करवाई जा रही है।
कोरोना काल चल रहा है इसलिए भारत सरकार की जो गाइडलाइन है उस हिसाब से हमें चलना पड़ेगा। स्कूलों को बंद रखना पड़ेगा, क्योंकि अगर किसी बच्चे को कुछ हो गया उसका जवाब भी हमें ही देना है। इसलिए हमारी यह मजबूरी है। निजी स्कूलों के द्वारा एक तरफ जहां बच्चों से फीस वसूली जा रही है। वहीं शिक्षकों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। इस मामले की शिकायतें पर स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसी शिकायतें आ रही हैं, लेकिन वह कलेक्टर और श्रम विभाग के अंतर्गत आता है। शिक्षक वहां पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
बता दें मंगलवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों के बच्चों की फीस वसूलने पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश जारी कर दिया था। साथ ही ये भी कहा था कि वह ट्यूशन फीस ले सकते हैं। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 10 सितंबर तय की है।