पितृपक्ष:deepak tiwari पितरों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध पक्ष में लगाने चाहिए पीपल, अशोक और तुलसी जैसे पेड़-पौधे, इनसे खुश होते हैं पितृ
श्राद्ध पक्ष में पितरों की संतुष्टि के लिए तर्पण, पिंडदान और ब्राह्मण भोजन के साथ ही पौधे लगाकर भी संतुष्ट करना चाहिए। कुछ पेड़-पौधे सकारात्मक उर्जा देते हैं। इसलिए ग्रंथों में बताए गए शुभ पेड़-पौधे पितृपक्ष में लगाए जाए तो पितरों का आशीर्वाद मिलता है। काशी के ज्योतिषाचार्य और धर्म शास्त्रों के जानकार पं. गणेश मिश्र मुताबिक पीपल में देवताओं के साथ ही पितरों का भी वास होता है। इसलिए श्राद्ध पक्ष में पीपल का पेड़ खासतौर से लगाना चाहिए। इसके साथ बरगद, नीम, अशोक, बिल्वपत्र, तुलसी, आंवला और शमी का पेड़ लगाने से पर्यावरण को साफ रखने में तो मदद होगी ही। पितरों के साथ देवता भी प्रसन्न होंगे।
पीपल: पीपल को पवित्र माना गया है। पुराणों के अनुसार इसमें पितरों का वास होता है। इसलिए पीपल के पेड़ पर दूध में पानी और तिल मिलाकर चढ़ाना चाहिए। इससे पितर संतुष्ट होते हैं।
बरगद: शास्त्रों में बरगद को आयु देने वाला तथा मोक्ष देने वाला पेड़ माना गया है। बरगद के पेड़ को ही साक्षी मानकर माता सीता ने राजा दशरथ के लिए पिंडदान किया था। बरगद पर जल चढ़ाकर इसकी परिक्रमा करने से पितर प्रसन्न होते हैं।
बिल्वपत्र: इस पेड़ में देवी लक्ष्मी और पत्तों में भगवान विष्णु का वास होता है। भगवान विष्णु की पूजा से पितृ प्रसन्न होते हैं। इसलिए इस पेड़ पर भी दूध में गंगाजल मिलाकर चढ़ाना चाहिए।
अशोक: अशोक के पेड़ को शुभ माना गया है। इसमें भी भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए इस पेड़ को लगाने और इसकी पूजा करने से पितृ देवता संतुष्ट और प्रसन्न होते हैं।
तुलसी: तुलसी का पौधा लगाने और उसकी पूजा से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। भगवान विष्णु के प्रसन्न होने से पितर भी संतुष्ट हो जाते हैं। इसलिए तुलसी का पौधा पितृपक्ष में लगाना चाहिए। तुलसी के पौधें में रोज जल डालने से भी पितृ प्रसन्न होते हैं।
पं. मिश्रा का कहना है कि परिवार के मृत सदस्यों के मुताबिक भी अलग-अलग पेड़-पौधे लगाए जा सकते हैं।
बच्चे के लिए अमरूद, आम या इमली का पेड़ लगाएं।
कुंवारी लड़की के लिए आंवला, अनार या अंजीर का पेड़ लगाया जा सकता है।
सौभाग्यवती स्त्री यानी शादीशुदा महिला के लिए अशोक, तुलसी या सीताफल का पेड़ लगाना चाहिए।
दुर्घटना में मृत लोगों के लिए पीपल, बरगद, नीम या शमी का पेड़ लगाएं।
माता, दादी और परदादी के लिए पलाश, पारस पीपल या चन्दन का पेड़ लगाया जा सकता है।
पिता, दादा और परदादा के लिए बिल्वपत्र, पीपल, बरगद या आंवले का पेड़ लगाना चाहिए।