सवाई माधोपुर रिपोर्ट@ चंद्रशेखर शर्मा। कोरोना संक्रमण काल के दौर में जहाँ एक और राज्य सरकार आवागमन की सुविधा देने के लिए रोडवेज बसें चलाकर आमजन को राहत पहुंचाने का कार्य कर रही है वही विभागीय अधिकारियों, चालकों एवं परिचालकों की लापरवाही से ग्रामीण क्षेत्र में बसें निर्धारित रुट से ना जाकर बाईपास होकर निकल रही है, जिसके चलते रोडवेज को प्रतिदिन लाखों रुपए की राजस्व की हानि हो रही है।
शिवाड़ की पूर्व सरपंच गीता देवी शर्मा ने बताया कि गांव से लगभग 2 किलोमीटर दूर चालकों द्वारा बाईपास से सीधे रोडवेज बसें ले जाने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बीमार और बुजुर्ग लोग बाईपास जाने में असमर्थ है और रोडवेज विभाग द्वारा सारसोप मोड़ से कृषि मंडी होते हुए कुशवाह मोहल्ले से ले जाते हुए रुट निर्धारित है। किन्तु टोंक और सवाई माधोपुर दोनों डिपो के रोडवेज के चालकों की दादागिरी के चलते वह सीधा ही बसों को बाईपास होकर ले जाते है। निर्धारित रुट पर बस नहीं आने से ग्रामीणों को निजी साधनों से यात्रा करनी पड़ती है, जिससे रोडवेज के राजस्व को भी नुकसान पहुंचता है और ग्रामीणों की भी यात्रा महंगी पड़ती है।
ग्रामीणों ने मांग की है कि रोडवेज बस के चालकों को निर्धारित रुट से ही बस को लाने एवं ले जाने के लिए पाबंद किया जाये।
*सेनेटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था नहीं:-*
सरकार द्वारा कोरोना की रोकथान के लिए व्यापक कार्यवाही और व्यवस्था कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिवाड़ रूट से जाने वाली रोडवेज बसों में ना तो सेनेटाइजर की व्यवस्था है और ना ही थर्मल स्क्रीनिंग की जबकि कोरोना काल मे यही अतिआवश्यक है। लेकिन राजस्थान रोडवेज द्वारा इन बसों में ऐसी कोई सुविधाएं नहीं है।