इंदौर। एक बार फिर फसल बीमा योजना के नाम पर कई किसान मूर्ख बन गए। इन दिनों शासन द्वारा इंदौर सहित प्रदेशभर में उपचुनावों के चलते बड़े-बड़े कार्यक्रमों का आयोजन कर किसानों के खातों में फसल बीमा की राशि जमा करवाने का अभियान चलाया जा रहा है। इंदौर में भी 60 हजार किसानों के खातों में 127 करोड़ रुपए की राशि जमा करवाने के दावे किए गए हैं। वहीं कई जगह किसानों का आरोप है कि उन्होंने 600 रुपए प्रति हेक्टेयर तक प्रीमियम की राशि जमा की और बदले में 2, 4, 5, 7 रुपए की राशि फसल बीमा के रूप में मिली है। कांग्रेस ने भी इस संबंध में राज्य और केन्द्र की भाजपा सरकार को कोसा है।
पूर्व में भी फसल बीमा का इसी तरह बड़ा घोटाला सामने आया था और बीमा कम्पनियों ने करोड़ों रुपए जमा करवाए और बदले में किसानों को मामूली राशि ही हाथ आई। अभी इंदौर सहित प्रदेशभर में फसल बीमा की राशि किसानों के खातों में जमा करवाई जा रही है। उसके साथ ही तमाम जिलों से किसानों की शिकायत सामने आ रही है कि उनके खाते में 4, 5, 11 रुपए से लेकर 2 रुपए तक मिले हैं। इस संबंध में पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने भी बयान जारी किया है, जिसमें आरोप लगाए कि एक तरफ कोरोना महामारी ने किसानों को बर्बाद किया, उसके बाद अतिवृष्टि से फसलें तबाह हुईं और अब फसल बीमा के नाम पर भी मजाक किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि 27 लाख 64 हजार किसानों की फसलों का खरीफ 2019 के लिए 15 हजार 221 करोड़ से अधिक का बीमा करवाया गया, जिसमें से किसानों से 352 करोड़ रुपए से अधिक वसूल किए गए और राज्य शासन की ओर से 509 करोड़ रुपए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जमा करवाए थे, लेकिन इतनी बड़ी राशि जमा करने के बावजूद किसानों के हाथ में प्रीमियम की तुलना में 100 गुना तक कम राशि आई है। उल्लेखनीय है कि इंदौर जिले के भी 60 हजार किसानों को 127 करोड़ रुपए फसल बीमा के मिलने का दावा शासन‑प्रशासन ने किया है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने ऑनलाइन यह राशि जमा करवाने का शुभारंभ किया और मंत्री द्वारा लाभान्वित किसानों को प्रमाण‑पत्र वितरित किए जा रहे हैं। अभी तक प्रदेश के 22 लाख किसानों के बैंक खातों में 4 हजार 678 करोड़ रुपए की राशि जमा करवाई जा चुकी है। जिले में 1 लाख 6 हजार किसानों ने फसल बीमा करवाया था।