इंदौर.इंदौर समेत प्रदेशभर में नवरात्रि को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। गृह मंत्रालय इस संबंध में नई गाइडलाइन जारी कर चुका है। इसी को लेकर गुरुवार को कलेक्टर मनीष सिंह ने निगम और पुलिस के साथ मिलकर माता की प्रतिमा बना रहे मूर्तिकारों से बात की। कलेक्टर ने इन्हें स्पष्ट रूप से कहा कि आप 6 फीट से ऊंची प्रतिमाएं नहीं बनाएं। यदि किसी ने बना भी ली है तो वे उसे किसी को नहीं दें। यदि कहीं ऐसा देखने में आया तो स्थापना करने वाले के साथ प्रतिमा को बनाने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि शहर के सभी मूर्तिकारों के साथ बैठक की गई है। इसमें उन्हें कहा गया है कि गाइडलाइन के अनुसार ही प्रतिमा का निर्माण करें। यदि किसी ने 6 फीट से ज्यादा ऊंची प्रतिमा बना ली है तो वे किसी को नहीं दें। ऐसा करने पर स्थापना करने वालों के साथ ही मूर्तिकार पर भी कार्रवाई की जाएगी। उन्हें यह भी बताया गया कि खजराना में नियमों उल्लंघन करने पर हमें सख्त कार्रवाई करना पड़ी थी। इस बार यदि ऐसा कुछ होता है तो कड़ी कार्रवाई होगी।
अगले साल से नहीं बनेंगी पीओपी की प्रतिमाएं
कलेक्टर ने कहा कि कुछ लोग प्रतिबंध के बाद भी पीओपी की प्रतिमाएं बना रहे हैं, यह पूरी तरह से गलत है। ये प्रतिमाएं पानी के लिए काफी हानिकारक हैं। इस पानी को यदि जानवर भी पीते हैं, उनकी मौत तक हो जाती है। मूर्तिकारों की कुछ समस्याएं थीं, जिसके लिए पांच मूर्तिकारों की एक कमेटी गठित की गई है। ये सदस्य हमसे संपर्क में रहेंगे। उनकी जो भी समस्याएं होंगी, उन्हें दूर किया जाएगा। उन्हें आश्वासन दिया गया है कि उनका व्यापार बढ़ेगा, घटेगा नहीं।
अगले साल से उन्होंने मिट्टी की प्रतिमा बनाने का आश्वासन दिया है। जहां भी सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिमाएं विराजित होंगी, वहां 100 से ज्यादा लोग नहीं रहेंगे। यदि कोई कार्यक्रम भी होता है तो उसमें 100 से ज्यादा लोग नहीं होंगे। इन सबके लिए एसडीएम से अनुमति लेनी होगी। गरबे नहीं होंगे, गली मोहल्ले के गरबों पर भी निगरानी रखी जाएगी। चल समारोह, या जुलूस पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं।
नवरात्रि को लेकर ये है गाइडलाइन
प्रतिमाएं अधिकतम 6 फीट ऊंची हो सकती हैं। पंडाल का साइज भी 10 बाई 10 फीट अधिकतम होगा।
सामाजिक/सांस्कृतिक एवं अन्य कार्यक्रमों के आयोजन में 100 से कम व्यक्ति ही रह सकेंगे हैं। कार्यक्रम की पूर्व से अनुमति लेनी जरूरी।
किसी भी तरह के जुलूस निकालने की अनुमति नहीं होगी। गरबा भी नहीं होगा। लाउडस्पीकर बजाने के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य है।
मूर्ति विसर्जन के लिए 10 से अधिक व्यक्तियों के समूह को अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। आयोजकों को अलग से जिला प्रशासन से लिखित अनुमति पहले से लेनी आवश्यक है।
झांकियों, पंडालों और विसर्जन के आयोजनों में श्रद्धालु फेस कवर, सोशल डिस्टेंसिंग एवं सैनिटाइजर का प्रयोग करेंगे। साथ ही शासन के द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का भी पालन करना होगा।
सभी दुकानें रात 8 बजे तक खोलने की अनुमति होगी। इसमें रेस्टोरेंट, मेडिकल, राशन, भोजनालय और खानपान से संबंधित दुकानें 8 बजे के बाद अपने निर्धारित समय तक खुल सकती है। रात 10:30 बजे से सुबह 6 बजे तक बिना किसी कारण के घूमने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
जिला प्रशासन द्वारा विसर्जन के लिए अधिक से अधिक उपयुक्त स्थानों का चयन किया जाएगा। विसर्जन स्थल पर कम भीड़ होना चाहिए।
नियमों का पालन नहीं करने पर दुकान संचालक पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इसमें जुर्माना और सजा दोनों तरह का दंड होगा।