रानीखेत की अनुराधा रॉय को इंटरनेशनल डबलिन लिटरेसी deepak tiwari अवार्ड 2020 के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया, वे इसके तहत 86 लाख की राशि पाकर बढ़ाएंगी भारतीय महिलाओं का गौरव
इंडियन राइटर अनुराधा रॉय को उनकी किताब 'आल द लाइव्स वी नेवर लिव्ड' के लिए साहित्य के क्षेत्र में दुनिया के सबसे महंगे इंटरनेशनल डबलिन लिटरेसी अवार्ड 2020 के लिए चुना गया है।
इस अवार्ड के लिए आठ महिला लेखिकाओं का नाम सामने आया है जिनमें से अनुराधा भी एक है। इंटरनेशनल डबलिन लिटरेसी अवार्ड को डबलिन सिटी काउंसिल प्रायोजित करती है।
अनुराधा द्वारा लिखी गई किताब आल द लाइव्स वी नेवर लीव्ड को 156 किताबों में से चुना गया है। इस नॉवेल को लाइब्रेरी सिस्टम द्वारा 40 देशों के 119 शहरों में सबमिट किया गया।
उनकी इस किताब को इससे पहले 2018 में टाटा लिटरेचर लाइव बुक ऑफ द ईयर अवार्ड, डीएससी प्राइज फॉर साउथ एशियन लिटरेचर और जेसीबी प्राइज भी मिल चुका है। इसे हिंदू लिटरेरी प्राइज और वाल्टर स्कॉट प्राइज से भी नवाजा जा चुका है।
अनुराधा का जन्म 1967 में कोलकाता में हुआ। यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता और यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज से अनुराधा ने अपनी पढ़ाई पूरी की। फिलहाल वे रानीखेत में रहती हैं और पब्लिशिंग हाउस 'परमानेंट ब्लैक' की सह संस्थापक हैं।
अनुराधा की लिखी हुई किताबों में 'स्लीपिंग ऑन द ज्यूपिटर' 'एन एटलस ऑफ इम्पॉसिबल' और 'द फोल्डेड सन' शामिल हैं। उन्हें 2015 में मेन बुकर प्राइज के लिए भी शॉर्टलिस्ट किया जा चुका है।