पटना.deepak tiwari बोरिंग रोड निवासी आदित्य सिंह ने बिहार का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। 14 साल के आदित्य को नोबेल परिवार द्वारा संचालित अमेरिका स्थित नेशनल सोसाइटी ऑफ हाई स्कूल स्कॉलर्स (एनएसएपएसएस) में सदस्यता प्रदान की गई। ज्ञात हो की इसी परिवार ने नोबेल पुरस्कार की भी स्थापना की थी और दुनिया भर के सबसे मेधावी हाई स्कूल के छात्रों के लिए 2002 में एनएसएचएसएस की स्थापना की।
नेशनल सोसाइटी ऑफ हाई स्कूल स्कॉलर्स एक अंतरराष्ट्रीय ऑनर सोसाइटी है जो दुनियाभर के सबसे मेधावी छात्र-छात्राओं को उत्कृष्ट नेतृत्व की क्षमता, स्कॉलरशिप और सामुदायिक प्रतिबद्धता के कारण सम्मानीत करता है एवं उन्हें भविष्य में आगे बढ़ने के लिए अनेक अनुसंधान, छात्रवृत्ति और इंटर्नशिप के अवसरों से जोड़ता है।
नोबेल परिवार के वरिष्ठ सदस्य एवं ऑनर सोसाइटी के संस्थापक व अध्यक्ष क्लेस नोबेल ने आदित्य को इस सोसाइटी में आमंत्रित करने पर कहा कि आदित्य ने अकादमिक उत्कृष्टता के इस असाधारण स्तर को प्राप्त करने के लिए मेहनत, बलिदान और प्रतिबद्धता दिखाई है। आदित्य अब युवा विद्वानों के एक अनूठे समुदाय का सदस्य हैं। एक ऐसा समुदाय जो भविष्य के लिए हमारी सर्वश्रेष्ठ आशा का प्रतीक है।
कैसे हुए मनोनीत?
इस अंतरराष्ट्रीय संस्था के लिए सदस्यता तभी दी जाती है जब कोई नामांकन सफल होता है। आदित्य को बिहार के सामजिक उद्यमी एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल के संस्थापक व सीईओ शरद विवेक सागर ने मनोनीत किया था। ज्ञात हो कि शरद सागर अपने हाई स्कूल के दौरान बिहार के पहले विद्यार्थी थे जिन्हें एनएसएचएसएस ने सदस्य बनने के लिए आमंत्रित किया था। आदित्य शरद सागर के संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल का हिस्सा हैं और संगठन के नेतृत्व विकास कार्यक्रम से प्रशिक्षित हैं। डेक्सटेरिटी ग्लोबल एक राष्ट्रीय संगठन है जो देश भर के बच्चों एवं युवाओं को शैक्षणिक अवसरों के माध्यम से लीडर्स के रूप में तैयार करता है।
आदित्य वर्तमान में ग्वालियर स्थित सिंधिया स्कूल में कक्षा 9 में पढ़ते हैं। उन्होंने पटना के दिल्ली पब्लिक स्कूल से कक्षा 7 तक की पढ़ाई कि है। 2018 में आदित्य देश भर से 51 युवाओं में से थे, जिनका चयन डेक्सटेरिटी स्कूल ऑफ लीडरशिप एंड एंटरप्रेन्योरशिप के लिए हुआ था। इसके अलावा आदित्य ने ट्रिनिटी कॉलेज लंदन से संगीत में भी विशिष्टता प्राप्त की है। आदित्य सिंधिया स्कूल के सर्वोच्च शैक्षणिक पुरस्कार स्कॉलर्स स्कार्फ के भी विजेता रहे हैं और विद्यालय परिषद के सदस्य भी हैं।