कोटा. कोटा जिले के इटावा के पास चंबल नदी में नाव पलटने से 11 लोगों की मौत हो गई। सभी के शव निकाले जा चुके हैं। 3 लोग लापता हैं। हादसा बुधवार सुबह 9 बजे हुआ। मृतकों में 6 पुरुष, 4 महिलाएं और 1 बच्चा शामिल है। नाव चलाने वाला तैरकर बाहर निकल आया। नाव 25 लोगों का भार उठा सकती थी, लेकिन उसमें 40 लोग सवार थे। यही नहीं, इन लोगों ने नाव में 14 बाइक भी रख दी थीं। इसी वजह से नाव पलट गई। जहां हादसा हुआ, वहां नदी की गहराई 40 से 50 फीट थी।
घटना के तुरंत बाद मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने लोगों को बचाने की कोशिश की, लेकिन बहाव तेज होने की वजह से कुछ लोग बह गए। पुलिस ने बताया कि ये लोग कमलेश्वर धाम जा रहे थे। मारे गए ज्यादातर लोग गोठड़ा कला के रहने वाले हैं।
लड़कों ने 25 लोगों की जान बचाई
चार लड़कों ने मिलकर कुल करीब 25 लोगों की जान बचाई। उन्होंने बताया कि नाव वाले ने ज्यादा लोगों को बैठाने से इनकार किया था, फिर भी लोग नहीं माने और नाव में चढ़ते गए। लोगों को बचाने के लिए कुछ देर में दूसरी नाव भी गहरे पानी में पहुंची, लेकिन तब तक काफी लोग डूब चुके थे।
हादसा चाणदा और गोठड़ा गांव के बीच हुआ। अच्छी बात यह रही कि मौके पर कई लोग मौजूद होने से राहत कार्य में मदद मिली और कुछ लोगों को बचा लिया गया।
स्थानीय लोगों ने एक महिला की लाश नदी से बाहर निकाली।
लोगों ने बताया कि लकड़ी की नाव की हालत पहले से खराब थी। इसके बाद भी क्षमता से ज्यादा यात्रियों को बैठाया गया था। साथ ही नदी पार करवाने के लिए नाव पर बाइकें भी बांध दी गई थीं। इस वजह से नाव वजन नहीं सह सकी और डूब गई।
कोटा के सांसद और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने प्रशासन से हादसे की जानकारी ली। उधर, कोटा से एसडीआरएफ की टीम मौके के लिए रवाना कर दी गई है। सकती थी, लेकिन उसमें 40 लोग सवार थे और 14 बाइक भी रख दी थीं
कोटा. कोटा जिले के इटावा के पास चंबल नदी में नाव पलटने से 11 लोगों की मौत हो गई। सभी के शव निकाले जा चुके हैं। 3 लोग लापता हैं। हादसा बुधवार सुबह 9 बजे हुआ। मृतकों में 6 पुरुष, 4 महिलाएं और 1 बच्चा शामिल है। नाव चलाने वाला तैरकर बाहर निकल आया। नाव 25 लोगों का भार उठा सकती थी, लेकिन उसमें 40 लोग सवार थे। यही नहीं, इन लोगों ने नाव में 14 बाइक भी रख दी थीं। इसी वजह से नाव पलट गई। जहां हादसा हुआ, वहां नदी की गहराई 40 से 50 फीट थी।
घटना के तुरंत बाद मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने लोगों को बचाने की कोशिश की, लेकिन बहाव तेज होने की वजह से कुछ लोग बह गए। पुलिस ने बताया कि ये लोग कमलेश्वर धाम जा रहे थे। मारे गए ज्यादातर लोग गोठड़ा कला के रहने वाले हैं।
लड़कों ने 25 लोगों की जान बचाई
चार लड़कों ने मिलकर कुल करीब 25 लोगों की जान बचाई। उन्होंने बताया कि नाव वाले ने ज्यादा लोगों को बैठाने से इनकार किया था, फिर भी लोग नहीं माने और नाव में चढ़ते गए। लोगों को बचाने के लिए कुछ देर में दूसरी नाव भी गहरे पानी में पहुंची, लेकिन तब तक काफी लोग डूब चुके थे।
हादसा चाणदा और गोठड़ा गांव के बीच हुआ। अच्छी बात यह रही कि मौके पर कई लोग मौजूद होने से राहत कार्य में मदद मिली और कुछ लोगों को बचा लिया गया।
स्थानीय लोगों ने एक महिला की लाश नदी से बाहर निकाली।
लोगों ने बताया कि लकड़ी की नाव की हालत पहले से खराब थी। इसके बाद भी क्षमता से ज्यादा यात्रियों को बैठाया गया था। साथ ही नदी पार करवाने के लिए नाव पर बाइकें भी बांध दी गई थीं। इस वजह से नाव वजन नहीं सह सकी और डूब गई।
कोटा के सांसद और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने प्रशासन से हादसे की जानकारी ली। उधर, कोटा से एसडीआरएफ की टीम मौके के लिए रवाना कर दी गई है।